
घटना का विवरण:
ईरान में पढ़ाई कर रहे दो कश्मीरी छात्र इज़रायली हमले में घायल हो गए हैं। इन छात्रों की पहचान अब्दुल राशिद और शफी अहमद के रूप में हुई है। दोनों को गंभीर चोटें आई हैं और उन्हें तेहरान के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है, लेकिन परिवार और स्थानीय प्रशासन उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
भारत सरकार की प्रतिक्रिया:
भारत सरकार ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है और विदेश मंत्रालय ने ईरान में रह रहे भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है। सरकार ने कहा है कि वह स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है और जरूरत पड़ने पर निकासी की योजना तैयार कर रही है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि यदि कोई कदम उठाने की आवश्यकता पड़ी, तो वह उठाया जाएगा।
निकासी योजना:
भारत सरकार ने निकासी के लिए विभिन्न रास्तों पर विचार किया है। लेबनान और सीरिया के रास्ते से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सकता है, जैसा कि पहले भी सीरिया से भारतीय नागरिकों की निकासी की गई थी। इसके अलावा, तेहरान में स्थित भारतीय दूतावास के माध्यम से भी सहायता प्रदान की जाएगी। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि निकासी प्रक्रिया पूरी तरह से सुरक्षित और व्यवस्थित होगी।
कश्मीरी परिवारों की चिंता:
ईरान में पढ़ाई कर रहे कश्मीरी छात्रों के परिवार उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। गांदरबल जिले के डाब गांव के निवासी डॉ. सैयद शिराज ने कहा कि उनकी बेटी का कॉलेज तेहरान से करीब 150 किलोमीटर की दूरी पर है। वह अपनी बेटी से नियमित संपर्क में हैं और स्थिति की जानकारी ले रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि सब कुछ ठीक हो जाएगा।
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