
Up Kiran, Digital Desk: यह अफ्रीका महाद्वीप के लिए एक बड़ी और गर्व का पल है! संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने अफ्रीका के तीन महत्वपूर्ण स्थलों को अपनी 'विश्व धरोहर खतरे में' (World Heritage in Danger) की सूची से हटा दिया है। यह UNESCO के उन प्रयासों की सफलता को दर्शाता है, जिनका उद्देश्य दुनिया भर की संकटग्रस्त धरोहरों का संरक्षण और उन्हें पुनर्जीवित करना है। यह निर्णय अफ्रीका के इन देशों द्वारा किए गए संरक्षण और प्रबंधन के असाधारण प्रयासों का सम्मान है।
कौन से हैं ये तीन स्थल? रेनफॉरेस्ट्स ऑफ एट्सिननाना, मेडागास्कर (Rainforests of Atsinanana, Madagascar): मेडागास्कर के ये अद्भुत वर्षावन अपनी अनूठी जैव विविधता के लिए जाने जाते हैं। यहां दुनिया के कुछ सबसे दुर्लभ पौधे और वन्यजीव पाए जाते हैं, जिनमें लेमूर की कई प्रजातियां शामिल हैं। वर्षों से अवैध कटाई और अतिक्रमण के कारण ये खतरे में थे, लेकिन अब संरक्षण के प्रयासों ने इन्हें बचा लिया है।
अबू मेना, मिस्र (Abu Mena, Egypt): यह मिस्र में एक प्राचीन ईसाई तीर्थस्थल और मठ है, जो चौथी शताब्दी का है। ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व वाला यह स्थल भूजल स्तर बढ़ने और मिट्टी में बदलाव के कारण खतरे में था। मिस्र सरकार के संरक्षण कार्यों ने इसे बचाने में मदद की है।
घामेस का पुराना शहर, लीबिया (Ghadames Old Town, Libya): लीबिया के सहारा रेगिस्तान में स्थित घामेस का यह पुराना शहर अपनी अनोखी मिट्टी की वास्तुकला और पारंपरिक जीवन शैली के लिए प्रसिद्ध है। दशकों के संघर्ष और उपेक्षा ने इसे खतरे में डाल दिया था, लेकिन अब स्थिरता और संरक्षण के प्रयासों ने इसे बचा लिया है।
UNESCO ने इन देशों के सरकारों और स्थानीय समुदायों के अथक प्रयासों की सराहना की है, जिन्होंने इन स्थलों को बचाने के लिए महत्वपूर्ण काम किया। 'इन डेंजर' सूची से हटाना सिर्फ एक स्टेटस सिंबल नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि इन स्थलों को अब तत्काल खतरे से बाहर निकाल लिया गया है और उनके दीर्घकालिक संरक्षण के लिए एक स्थायी योजना बनाई गई है। यह दुनिया को बताता है कि सही प्रयासों और सहयोग से हमारी बहुमूल्य धरोहरों को बचाया जा सकता है।
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