UP News: एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। झांसी में एक पिता अपनी नवजात बच्ची को गोद में लेकर पांच घंटे तक उसकी जान बचाने के लिए संघर्ष करता रहा। मगर वे अपने बच्चे को नहीं बचा सके। नवजात बच्ची की एम्बुलेंस में ही मौत हो गई। यह मामला झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज से सामने आया है। पिता ने आरोप लगाया कि इलाज के अभाव में उनके नवजात बच्चे की एम्बुलेंस में ही मौत हो गई।
ललितपुर जिले के मड़ावरा थाना क्षेत्र के तलऊ गांव निवासी सोनू परिहार ने बताया कि नवजात बच्ची की जान बचाने की कोशिश में उन्होंने करीब 5 घंटे एंबुलेंस में बिताए। लड़की को झांसी जिला अस्पताल या मेडिकल कॉलेज में भर्ती नहीं कराया गया। परिणामस्वरूप, नवजात बच्ची की एम्बुलेंस में ही मौत हो गई। गुरुवार शाम को उनकी पत्नी को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। सबसे पहले वह अपनी पत्नी को ललितपुर जिला अस्पताल ले गए।
वहां उनकी पत्नी का रक्तचाप बढ़ रहा था और हालत बिगड़ती जा रही थी, जिसके बाद डॉक्टर ने उन्हें झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। वह रात दो बजे झांसी मेडिकल कॉलेज पहुंचे। सर्जरी सुबह करीब सात बजे हुई। पत्नी ने एक पुत्री को जन्म दिया। जन्म के बाद लड़की को सांस लेने में परेशानी हो रही थी।
सोनू के अनुसार डॉक्टर ने उन्हें बताया कि उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत है। मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू वार्ड में एक भी वेंटिलेटर खाली नहीं है। इसलिए डॉक्टर ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। बच्ची के पिता सोनू निजी एंबुलेंस से नवजात को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। वहां के डॉक्टरों ने खाली बेड की कमी का हवाला देकर उन्हें वापस मेडिकल कॉलेज भेज दिया। जब पिता ने बच्ची को आपातकालीन वार्ड में भर्ती करने को कहा तो वहां भी उसे भर्ती करने से मना कर दिया गया। परिणामस्वरूप, एक मासूम नवजात शिशु की एम्बुलेंस में ही मौत हो गई।