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Up Kiran, Digital Desk: भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने चीन के शीर्ष राजनयिक और विदेश मंत्री वांग यी से एक उच्च-स्तरीय मुलाकात की। इस बैठक में डोभाल ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग की पुरजोर वकालत करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर "दोहरे मापदंड" नहीं अपनाए जा सकते।

ब्रिक्स देशों के NSA की बैठक के दौरान हुई इस चर्चा में, डोभाल ने आतंकवाद को किसी भी आधार पर जायज ठहराने की कोशिशों की कड़ी निंदा की। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि "अच्छे या बुरे आतंकवादी" जैसी कोई चीज नहीं होती और आतंकवाद के हर रूप से सख्ती से निपटना जरूरी है। उनका यह बयान चीन के उस रवैये पर एक सीधा निशाना माना जा रहा है, जिसमें वह अक्सर पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों और उनके सरगनाओं पर संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा प्रतिबंध लगाने के प्रस्तावों में अड़ंगा डालता रहा है।

आतंकवाद के अलावा, डोभाल और वांग यी के बीच एक अलग द्विपक्षीय वार्ता भी हुई। इस बातचीत का मुख्य फोकस दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद को सुलझाना था। डोभाल ने इस बात पर जोर दिया कि सीमा पर शांति और स्थिरता कायम करना द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने के लिए बेहद आवश्यक है। उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों से सैनिकों की पूर्ण वापसी (Disengagement and De-escalation) की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने की जरूरत पर बल दिया।

यह बैठक दोनों परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों के बीच जटिल मुद्दों, खासकर आतंकवाद और सीमा विवाद जैसे संवेदनशील विषयों पर संवाद बनाए रखने के महत्व को दर्शाती है।