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हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास की अमावस्या इस वर्ष 27 अप्रैल 2025 को पड़ रही है। अमावस्या का दिन पितरों की आत्मा की शांति और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष होता है, उन्हें अमावस्या पर विशेष उपाय जरूर करने चाहिए। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान, तर्पण और पूजा-पाठ से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं।

1. पीपल के वृक्ष की पूजा करें

पीपल के पेड़ को हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना गया है। मान्यता है कि इस पेड़ में त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु, शिव) और पितरों का वास होता है। वैशाख अमावस्या के दिन सुबह:

पीपल की जड़ में काले तिल डालकर जल अर्पित करें

शाम को पीपल के नीचे तिल के तेल का दीपक जलाएं

यह उपाय पितृ दोष से मुक्ति दिलाता है और पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

2. ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान दें

वैशाख अमावस्या के दिन ब्राह्मण को भोजन कराना और उन्हें दक्षिणा या वस्त्र आदि दान देना बेहद शुभ होता है। यह उपाय:

पितरों की आत्मा को शांति प्रदान करता है

घर में सौभाग्य और सुख-समृद्धि लाता है

पितृ जब प्रसन्न होते हैं, तो वंशजों पर अपनी कृपा वर्षा करते हैं

3. जरूरतमंदों को करें दान

इस दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करना चाहिए। इससे:

पितरों की कृपा बनी रहती है

पितृ दोष से मुक्ति मिलती है

जीवन में धन-धान्य और सुख-शांति बनी रहती है

4. पितरों का करें तर्पण और पिंडदान

अमावस्या के दिन पितृ तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान करने की परंपरा है। इस दिन:

पवित्र नदी या सरोवर के तट पर पितरों का तर्पण करें

कौवा, कुत्ते और गाय को भोजन कराएं

यह कार्य पितरों की आत्मा को संतोष और शांति प्रदान करता है और यह माना जाता है कि इस दिन पूर्वज पृथ्वी पर आते हैं, इसलिए उनका सम्मान करना जरूरी होता है।

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