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Up Kiran, Digital Desk: हॉलीवुड और ब्रिटिश सिनेमा के एक प्रतिष्ठित चेहरे, अभिनेता टेरेंस स्टैम्प का रविवार, 17 अगस्त को 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके परिवार ने रॉयटर्स समाचार एजेंसी को इस दुखद खबर की पुष्टि की। अपने छह दशक लंबे शानदार करियर में, टेरेंस स्टैम्प ने दर्शकों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ने वाले कई यादगार किरदार निभाए। उन्हें विशेष रूप से 1978 की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'सुपरमैन' में खलनायक जनरल ज़ोड के रूप में उनकी यादगार भूमिका के लिए आज भी याद किया जाता है।

अभिनय की शुरुआत और ऑस्कर नामांकन

लंदन में जन्मे टेरेंस स्टैम्प ने अपने अभिनय की शुरुआत 1962 में की थी। उनकी पहली ही फिल्म 'बिली बड' (Billy Budd) थी, जो एक समुद्री पृष्ठभूमि पर आधारित थी। इस फिल्म में उनके प्रदर्शन को ऑस्कर नामांकन (Oscar nomination) के लिए नामांकित किया गया था, जो उनके करियर की एक शानदार शुरुआत थी। उनकी पहली ही फिल्म में उनके अभिनय को आलोचकों और दर्शकों दोनों ने खूब सराहा था, जिसने उनके भविष्य के लिए एक मजबूत नींव रखी।

'जनरल ज़ोड' से 'बर्नडेट' तक: अविस्मरणीय किरदार

हालांकि स्टैम्प ने अपने करियर में कई गंभीर और भावनात्मक भूमिकाएँ निभाईं, लेकिन उन्हें सबसे अधिक पहचान 1978 की 'सुपरमैन' और 1980 की 'सुपरमैन II' में जनरल ज़ोड के खलनायक किरदार से मिली। इन फिल्मों में उनके शक्तिशाली अभिनय ने उन्हें एक खास पहचान दी।

 टेरेंस स्टैम्प के सबसे प्रशंसित किरदारों में 1994 की फिल्म 'द एडवेंचर्स ऑफ प्रिसिला, क्वीन ऑफ द डेजर्ट' (The Adventures of Priscilla, Queen of the Desert) भी शामिल है, जिसमें उन्होंने बर्नडेट नामक ट्रांससेक्सुअल महिला का किरदार निभाया था। इस भूमिका को उन्होंने जिस संवेदनशीलता और गरिमा के साथ पर्दे पर उतारा, उसने दर्शकों और आलोचकों दोनों का दिल जीत लिया। 1999 में आई स्टीवन सोडरबर्ग की 'द लाइमी' (The Limey) में एक पिता के प्रतिशोध को दर्शाने वाला उनका केंद्रीय किरदार आज भी क्राइम ड्रामा के प्रशंसकों का पसंदीदा है।

सिर्फ फिल्मों में नहीं, टीवी और थिएटर में भी रहे सक्रिय

टेरेंस स्टैम्प का अभिनय का सफर सिर्फ फिल्मों तक ही सीमित नहीं रहा; वे थिएटर और टेलीविजन की दुनिया में भी सक्रिय रहे। उनकी दमदार आवाज़, प्रभावशाली स्क्रीन उपस्थिति और किरदारों में गहराई भरने की क्षमता ने उन्हें एक ऐसे अभिनेता के रूप में स्थापित किया जो केवल भूमिकाएँ नहीं निभाता था, बल्कि उन्हें जीता था। उनके निधन ने फिल्म की दुनिया में एक महत्वपूर्ण युग का अंत कर दिया है, लेकिन उनके द्वारा निभाए गए किरदार, विशेष रूप से जनरल ज़ोड जैसा प्रतिष्ठित खलनायक, सिनेमा के इतिहास में हमेशा जीवित रहेंगे।

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