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Up Kiran, Digital Desk: हर साल भाद्रपद महीने में एक ऐसा दिन आता है जब न सिर्फ देवता की पूजा होती है, बल्कि उन औजारों और मशीनों का भी सम्मान किया जाता है जो मेहनतकश लोगों की रोज़ी-रोटी का आधार हैं। विश्वकर्मा पूजा, जिसे तकनीकी और निर्माण क्षेत्र के त्योहार के रूप में देखा जाता है, पूरे भारत में श्रमिकों, इंजीनियरों, कारीगरों और तकनीकी पेशेवरों के बीच विशेष श्रद्धा के साथ मनाई जाती है।
कब मनाई जाएगी विश्वकर्मा पूजा 2025 में?
17 सितंबर 2025, बुधवार को यह पर्व पूरे भारत में मनाया जाएगा। यह दिन कन्या संक्रांति के साथ जुड़ा हुआ है, जब सूर्य देव कन्या राशि में प्रवेश करते हैं।
पूजा का मुहूर्त इस प्रकार रहेगा:
आरंभ: 17 सितंबर, रात 12:21 बजे
समाप्ति: 17 सितंबर, रात 11:39 बजे
पूजा तिथि: उदय तिथि के अनुसार 17 सितंबर 2025 को ही पूजा होगी।
पूरे भारत में फैली उत्सव की रौनक
इस दिन की सबसे खास बात यह है कि इसका जश्न सिर्फ मंदिरों में नहीं होता, बल्कि फैक्ट्रियों, वर्कशॉप्स, दफ्तरों और यहां तक कि छोटे कारीगरों के घरों में भी इसका आयोजन होता है।
देश भर में विभिन्न पेशों से जुड़े लोग—चाहे वो इंजीनियर हों, मिस्त्री, बढ़ई, मैकेनिक या तकनीकी विशेषज्ञ—अपने औजारों और मशीनों को साफ-सुथरा कर उन्हें फूल-माला पहनाते हैं और भगवान विश्वकर्मा से अपने काम में तरक्की और सफलता की कामना करते हैं।
कैसे होती है पूजा की तैयारी?
विश्वकर्मा पूजा का आयोजन बहुत ही व्यवस्थित तरीके से किया जाता है। इसमें न केवल भगवान की पूजा होती है, बल्कि कामकाज में इस्तेमाल होने वाले हर यंत्र और उपकरण को भी पूजनीय माना जाता है।
पूजा विधि में शामिल होते हैं ये चरण:
कार्यस्थल और उपकरणों को पहले अच्छी तरह से साफ किया जाता है।
फिर भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा या चित्र को स्थापित कर पूजा सामग्री जैसे चावल (अक्षत), फूल, रोली, चंदन, दीपक, धूप, पंचामृत आदि को सजाया जाता है।
औजारों पर तिलक लगाकर उन्हें फूलों से सजाया जाता है।
“ॐ श्री विश्वकर्मणे नमः” मंत्र का जाप करते हुए आरती की जाती है।
अंत में प्रसाद का वितरण होता है।
क्यों खास है ये पर्व?
यह दिन सिर्फ एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि मेहनत और हुनर की कद्र करने का प्रतीक है। यह वह दिन है जब समाज यह स्वीकार करता है कि निर्माण, तकनीक और श्रम की दुनिया में लगे लोग हमारे देश की रीढ़ हैं।
हर पेशे को बराबरी से देखा जाता है—चाहे वो भारी उद्योग में काम करने वाला इंजीनियर हो या अपने छोटे-से गैरेज में पसीना बहाने वाला मिस्त्री।
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