img

कोरियन थ्रिलर फिल्म 'वॉल टू वॉल' एक आम आदमी की जिंदगी की हकीकत और उससे जुड़े संघर्षों को पर्दे पर पेश करती है। यह फिल्म उन लोगों की कहानी बयां करती है जो रोज़मर्रा की जिंदगी में समाज, सिस्टम और परिस्थितियों से जूझते रहते हैं। फिल्म में थ्रिल और सस्पेंस के ऐसे एलिमेंट्स हैं जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर करते हैं।

कहानी की शुरुआत एक सामान्य जीवन से होती है, जो धीरे-धीरे रहस्यमय घटनाओं में तब्दील हो जाती है। निर्देशक ने समाज की जमीनी सच्चाई को उभारने की कोशिश की है, जिसमें आम इंसान का डर, असुरक्षा और संघर्ष साफ नजर आते हैं।

अभिनय की बात करें तो मुख्य कलाकारों ने अपने किरदारों को गहराई से निभाया है। कैमरा वर्क और बैकग्राउंड स्कोर भी फिल्म के माहौल को मजबूत बनाते हैं। हालांकि, फिल्म की सबसे बड़ी कमी इसका बहुत ही धीमा स्क्रीनप्ले है। कई सीन बेवजह खिंचे हुए लगते हैं, जो दर्शकों को थका सकते हैं।

‘वॉल टू वॉल’ एक सोचने पर मजबूर करने वाली फिल्म है, लेकिन इसकी रफ्तार कुछ दर्शकों के लिए मायूस कर सकती है। अगर आप गंभीर थ्रिलर और रियलिस्टिक कहानियों के शौकीन हैं, तो यह फिल्म एक बार देखी जा सकती है।

--Advertisement--