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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय राजनीति में एक बार फिर ऐसा मोड़ आया जिसने सबको चौंका दिया। 21 जुलाई 2025 को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। औपचारिक तौर पर उन्होंने इसका कारण "स्वास्थ्य समस्याएं" बताया, लेकिन सियासी गलियारों में जो चर्चा चल रही है, वह कहीं अधिक गंभीर और पेचीदा है। विपक्ष ने इस फैसले को सत्तारूढ़ दल की "राजनीतिक असहिष्णुता" से जोड़ा है, और अब कई सूत्र इस त्यागपत्र के पीछे की अंदरूनी कहानी का खुलासा कर रहे हैं।
अचानक लिया गया फैसला या लंबे समय से चल रही खींचतान?
हिंदुस्तान टाइम्स की एक विशेष रिपोर्ट के मुताबिक, धनखड़ का इस्तीफा उतना आकस्मिक नहीं था जितना दिखाया गया। दरअसल, यह फैसला एक गंभीर मतभेद का परिणाम था, जो केंद्र सरकार और उपराष्ट्रपति के बीच उभर कर सामने आया था। मामला उस समय गरमाया जब राज्यसभा में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ विपक्ष द्वारा पेश किया गया महाभियोग प्रस्ताव धनखड़ ने स्वीकार कर लिया।
जज के खिलाफ नोटिस बना कारण
63 विपक्षी सांसदों ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ गंभीर आरोपों की जांच के लिए महाभियोग का प्रस्ताव पेश किया था। चौंकाने वाली बात यह थी कि इस प्रस्ताव पर राहुल गांधी समेत प्रमुख विपक्षी नेताओं के हस्ताक्षर थे। सरकार चाहती थी कि इस मुद्दे को पहले लोकसभा में उठाया जाए, लेकिन उपराष्ट्रपति ने राज्यसभा में ही इसे स्वीकार कर लिया, और यहीं से तकरार की शुरुआत हुई।
पीएम मोदी की नाराज़गी और मंत्रियों की नाराजगी
सूत्र बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कदम से अप्रसन्न थे। उन्हें यह निर्णय सरकार से बिना विमर्श किए लिया गया एकतरफा कदम लगा। इस घटनाक्रम के बाद केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू ने धनखड़ को फोन कर कड़ी आपत्ति जताई। कहा जा रहा है कि बातचीत के दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया। रिजिजू ने कथित तौर पर यह भी कहा कि प्रधानमंत्री इस फैसले से "नाखुश" हैं।
मीटिंग में दिखी दूरी, उपराष्ट्रपति को महसूस हुआ अपमान
इसी दिन दोपहर 12:30 बजे हुई बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की बैठक में दोनों मंत्री मौजूद थे। लेकिन शाम 4:30 बजे होने वाली दूसरी मीटिंग में उनकी अनुपस्थिति ने उपराष्ट्रपति को सोचने पर मजबूर कर दिया। सूत्रों का कहना है कि उन्हें यह "निजी अपमान" जैसा महसूस हुआ और इसी आहत मनोदशा में उन्होंने रात 9:25 बजे राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
विपक्ष का आरोप: दबाव में लिया गया फैसला
जहां सरकार स्वास्थ्य कारणों को इस्तीफे की वजह बता रही है, वहीं विपक्ष इसे "राजनीतिक दबाव" का नतीजा मान रहा है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि धनखड़ एकदम स्वस्थ दिखाई दे रहे थे और उनका अचानक इस्तीफा "संवैधानिक पदों की स्वायत्तता" पर सवाल खड़े करता है।
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