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Up Kiran, Digital Desk: शारदीय नवरात्र के समापन पर मौसम ने अचानक करवट ली। सुबह से ही बादल छाए रहे और दोपहर के बाद कई इलाकों में तेज बारिश हुई। इस बारिश ने न केवल त्योहार की रौनक को प्रभावित किया बल्कि भक्तों और आयोजकों की तैयारियों पर भी बड़ा असर डाला है।

बारिश ने बिगाड़ा दशहरा की तैयारियों का मिजाज

मौसम विभाग ने पहले से ही 1 से 5 अक्टूबर के बीच कई जिलों में हल्की बारिश की संभावना जताई थी। इस अनुमान के सही साबित होते ही अचानक हुई बारिश ने नवरात्र और दशहरा के पर्व को लेकर चल रही तैयारियों में बाधा पैदा कर दी है। नवरात्र के नौ दिनों में मंदिरों और पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा, लेकिन अंतिम दिन पर मौसम ने सब कुछ उलट-पुलट कर दिया।

रावण दहन पर मंडरा रही बारिश की चिंता

सबसे ज्यादा मुश्किलें रावण दहन के आयोजन करने वाली समितियों को झेलनी पड़ रही हैं। रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले तैयार किए जा रहे हैं, जिन्हें हजारों लोग देखने आते हैं। लेकिन बारिश के चलते पुतलों को सुरक्षित रखने में भारी दिक्कत हो रही है। आयोजक बता रहे हैं कि बार-बार हो रही बारिश के कारण पुतलों को बचाने के लिए खास इंतजाम करना पड़ रहा है।

पंडालों में पानी भरने और बिजली कटौती से लोगों को परेशानी

शहर के कई मोहल्लों में लगे पंडाल भी बारिश के कारण खराब हो रहे हैं। पानी टपकने और सजावट के बिगड़ने की शिकायतें मिल रही हैं। साथ ही बिजली व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है, जिससे श्रद्धालु और आयोजन करने वाले दोनों असहज महसूस कर रहे हैं।

क्या होगा दशहरा का जलवा?

अब सवाल ये उठता है कि क्या बारिश के चलते दशहरा की भव्य शोभा फीकी पड़ जाएगी? आयोजक इस चुनौती से निपटने की कोशिश कर रहे हैं ताकि त्योहार की गरिमा बनी रहे और लोग अपनी आस्था से पीछे न हटें।