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Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली और आसपास के इलाकों में आज सुबह से तेज बारिश ने आम जिंदगी को प्रभावित कर दिया है। मानसून की इस बरसात ने कई जगह जलभराव की समस्या पैदा कर दी है, जिससे ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ रहा है। खासतौर पर रक्षाबंधन के त्योहार और लगातार बारिश के चलते सड़कों पर भीड़भाड़ बढ़ गई है, जिससे यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही है और आने वाले दिनों में भी इस स्थिति के बिगड़ने की संभावना जताई जा रही है।
मौसम विभाग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में आंधी और गरज के साथ भारी बारिश होने का अनुमान है। अधिकतम तापमान लगभग 36 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 27 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है। 13 और 14 अगस्त को भी भारी बारिश की संभावना को देखते हुए अलर्ट जारी किया गया है। नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद और फरीदाबाद जैसे पड़ोसी शहरों में भी इसी तरह का मौसम रहने की उम्मीद है, जहां शाम को तेज बारिश होने की संभावना बनी हुई है।
देश के अन्य हिस्सों में भी बारिश के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के कुछ क्षेत्रों में मौसम में बदलाव के साथ बारिश होने की संभावना जताई गई है। अगले एक दिन में उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, पूर्वी असम, अरुणाचल प्रदेश, अंडमान-निकोबार, उत्तराखंड, कर्नाटक, लक्षद्वीप, तेलंगाना और मराठवाड़ा में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है, जबकि कुछ जगहों पर तेज बारिश का खतरा भी बना हुआ है।
हिमाचल प्रदेश में इस मानसून ने अपना कहर दिखाया है। भारी बारिश के कारण राज्य की 357 सड़कें बंद हो चुकी हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, करीब 599 बिजली ट्रांसफॉर्मर ठप हैं और 177 जलापूर्ति योजनाओं को नुकसान पहुंचा है। प्रदेश में अब तक मानसून से 208 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 112 मौतें भूस्खलन, बाढ़ और मकान गिरने जैसी प्राकृतिक आपदाओं से हुई हैं, जबकि 96 हादसे सड़क दुर्घटनाओं के कारण हुए हैं, जिनमें खराब दृश्यता और फिसलन भी प्रमुख कारण रहे।
बिहार में नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है जिससे बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। गंगा और बूढ़ी गंडक नदियाँ उफान पर हैं। पटना शहर के आस-पास के इलाके भी बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। गंगा के बढ़ते जलस्तर ने बूढ़ी गंडक नदी के क्षेत्र को भी प्रभावित किया है, जिससे निचले इलाकों में सैकड़ों घर जलमग्न हो गए हैं।
पटना जिले के 14 पंचायतों में गंगा, सोन, दरधा और गंडक नदियों के बढ़ते जलस्तर से लगभग 89,250 लोग प्रभावित हुए हैं। कई इलाकों में जलस्तर खतरे के निशान से एक से डेढ़ मीटर ऊपर है और उच्चतम बाढ़ स्तर से मात्र कुछ सेंटीमीटर नीचे है। प्रशासन ने इस विपरीत परिस्थिति में प्रभावितों की मदद के लिए छह सामुदायिक रसोई चलानी शुरू की है, जहां प्रतिदिन 8,500 से अधिक लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
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