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Up Kiran, Digital Desk: राजधानी दिल्ली में हाल ही में हुए कार धमाके ने एक बार फिर सुरक्षा एजेंसियों और आम जनता की चिंता बढ़ा दी है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि यह घटना महज़ एक हादसा है या इसके पीछे कोई आतंकी साज़िश छिपी है। हालांकि, पुलिस या किसी भी अन्य जाँच एजेंसी ने अभी तक इसे आतंकी हमला करार नहीं दिया है, लेकिन अगर यह आतंकी करतूत साबित होती है, तो यह सीधे तौर पर 2019 के पुलवामा हमले की भयावह यादों को ताज़ा कर देगी।

यदि आतंकी एंगल सामने आता है, तो इसका सीधा कनेक्शन जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों से जुड़ सकता है। यह घटना फिर से VBIED यानी गाड़ी में विस्फोटक भरकर हमला करने की पुरानी और ख़तरनाक रणनीति की चर्चा को जन्म देती है।

VBIED: एक खौफ़नाक रणनीति

VBIED का पूरा नाम 'Vehicle-borne improvised explosive devices' है। इसके तहत आतंकवादी किसी भी वाहन में भारी मात्रा में विस्फोटक छिपाकर उसे अपने निशाने वाली जगह पर ले जाते हैं और फिर ज़ोरदार धमाका कर देते हैं। ऐसे हमलों में आतंकवादियों की पहचान करना या उन्हें पकड़ना अत्यंत मुश्किल हो जाता है।

सुरक्षा एजेंसियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती तब खड़ी होती है जब विस्फोटक या हथियार एक जगह से दूसरी जगह ले जाए जा रहे हों। एक बार यदि आतंकी गाड़ी लेकर अपने मिशन पर निकल जाता है, तो फिर उसे रोकना बहुत कठिन होता है। दिल्ली में हुए इस धमाके में भी यही चुनौती है: किस इरादे से गाड़ी में कौन सवार था और क्या सामान रखा था? इसकी जाँच और पड़ताल करना आसान नहीं है।

फरीदाबाद मॉड्यूल और दिल्ली की चिंता

यह धमाका ऐसे समय में हुआ है, जब कुछ ही दिन पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य एजेंसियों ने मिलकर फरीदाबाद से एक बड़े टेरर मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था। इस कार्रवाई में लगभग 350 किलो विस्फोटक बरामद किया गया था। ऐसी ही एक साज़िश 2010 में दिल्ली की जामा मस्जिद के पास विफल हुई थी, जिसमें पाकिस्तान से प्रेरित इंडियन मुजाहिदीन का हाथ था।

फरीदाबाद मामले में अब तक आठ लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है, जिनमें तीन डॉक्टर भी शामिल हैं। उनके पास से हथियारों और विस्फोटकों का एक बड़ा जखीरा मिला है। एजेंसियों के लिए यह एक गंभीर चुनौती है क्योंकि डॉक्टर जैसे पेशेवर लोग समाज में सम्मानित होते हैं और उन पर आसानी से संदेह नहीं किया जाता। ऐसे में किसके पास विस्फोटक है और कौन देश की सुरक्षा के लिए खतरा है, यह पता लगाना बहुत मुश्किल हो जाता है।