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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री आने वाले 6 महीनों को लेकर उम्मीदों से तो भरी है, लेकिन साथ में थोड़ी सावधानी भी बरत रही है। सोमवार को आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, त्योहारों का सीज़न, GST दरों में कमी और इनकम टैक्स में मिली राहत की वजह से ग्राहकों की तरफ़ से गाड़ियों की माँग बढ़ने की पूरी उम्मीद है।

वहीं, सितंबर महीने के बिक्री के आँकड़े एक मिली-जुली तस्वीर दिखाते हैं। जहाँ बाइक, स्कूटर, ट्रैक्टर और ट्रकों की ज़बरदस्त बिक्री हुई, वहीं कारों की बिक्री में पिछले साल के मुक़ाबले थोड़ी गिरावट देखने को मिली। आइए, समझते हैं कि किस सेगमेंट में क्या हुआ।

बाइक-स्कूटर और ऑटो-रिक्शा की धूम

बाइक-स्कूटर (2W): इस सेगमेंट में पिछले साल के मुक़ाबले 6% की बढ़ोतरी देखी गई। रॉयल एनफ़ील्ड (43% की बढ़त), सुजुकी मोटरसाइकिल (37% की बढ़त) और टीवीएस मोटर (12% की बढ़त) ने बाज़ार में धूम मचा दी।

ऑटो-रिक्शा (3W): इनकी बिक्री भी 12% बढ़ी, जिसमें महिंद्रा और टीवीएस ने सबसे शानदार प्रदर्शन किया।

कारों का क्या रहा हाल? (Passenger Vehicles - PV)कारों की बिक्री में पिछले साल के सितंबर के मुक़ाबले 5% की गिरावट आई। हालाँकि, अच्छी बात यह है कि पिछले महीने (अगस्त) की तुलना में बिक्री 16% सुधरी है, जिसका कारण GST में मिली कटौती हो सकता है।

इस सेगमेंट में टाटा मोटर्स और एमजी मोटर ने बाज़ी मार ली। दोनों की बिक्री में क्रमशः 45% और 47% का ज़बरदस्त उछाल आया।

वहीं, मारुति सुजुकी की बिक्री में 6% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि हुंडई की बिक्री लगभग जस की तस बनी रही।

किसानों के चेहरे खिले: ट्रैक्टरों की रिकॉर्ड बिक्रीट्रैक्टर बाज़ार ने इस महीने ज़बरदस्त वापसी की। अच्छे मानसून और जलाशयों में भरपूर पानी होने की वजह से ट्रैक्टरों की बिक्री में पिछले साल के मुक़ाबले 50% का तूफ़ानी उछाल देखा गया।

महिंद्रा के ट्रैक्टरों की बिक्री 50% और एस्कॉर्ट्स कुबोटा की बिक्री 49% बढ़ी।

ट्रक और बस का बाज़ार भी रहा मज़बूत (Commercial Vehicles - CV)ट्रक-बस जैसे व्यावसायिक वाहनों की बिक्री भी 11% बढ़ी। टाटा मोटर्स और महिंद्रा ने यहाँ भी अच्छा प्रदर्शन किया, जबकि अशोक लेलैंड की बिक्री 9% बढ़ी।

आगे क्या उम्मीद है: रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले 6 महीने ऑटो सेक्टर के लिए अच्छे रहने की उम्मीद है। त्योहारों की माँग, GST में कटौती और गाँवों में आर्थिक सुधार के चलते कारों की बिक्री में अच्छी-खासी बढ़ोतरी हो सकती है, वहीं ट्रक और बसों की माँग भी स्थिर रहने की संभावना है।