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Up kiran,Digital Desk : कनाडा और अमेरिका की दोस्ती हमेशा से ही दुनिया में एक मिसाल की तरह देखी जाती रही है। दोनों पड़ोसी हैं, सहयोगी हैं और एक-दूसरे के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार भी। लेकिन अब इस दोस्ती में एक नया मोड़ आ गया है। कनाडा ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिसे देखकर लग रहा है कि वह अब अपने 'बड़े भाई' अमेरिका की छाया से बाहर निकलना चाहता है और अपनी एक अलग राह बना रहा है।

क्या है कनाडा का यह 'मास्टरस्ट्रोक'?

खबर है कि कनाडा, यूरोपीय संघ (EU) के एक खास डिफेंस फंड में शामिल हो गया है, जिसका नाम है SAFE (Security Action for a Safe Europe)। खास बात यह है कि कनाडा ऐसा करने वाला पहला गैर-यूरोपीय देश है।

अब आप सोच रहे होंगे कि यह SAFE आखिर है क्या? इसे आप एक बहुत बड़ी ‘रक्षा गुल्लक’ या ‘किटी पार्टी’ समझ सकते हैं, जिसमें 150 अरब यूरो जमा हैं। इस फंड का मकसद है कि यूरोप के देश मिलकर एक-दूसरे से रक्षा उपकरण खरीदें, ताकि यूरोप की अपनी सेना और हथियार उद्योग मजबूत हो सकें।

तो कनाडा को इससे क्या फायदा होगा?

  1. आसान कर्ज: कनाडा की कंपनियों को अब हथियार बनाने या खरीदने के लिए यूरोप से आसानी से और सस्ता कर्ज मिल सकेगा।
  2. नया बाजार: कनाडा अब अपने बनाए हुए रक्षा उपकरण सीधे यूरोपीय देशों को बेच सकेगा, जिससे उसकी कमाई बढ़ेगी।
  3. देश में निवेश: अब यूरोप की बड़ी-बड़ी रक्षा कंपनियां कनाडा में आकर निवेश करेंगी और अपनी फैक्ट्रियां लगाएंगी।

लेकिन अमेरिका का क्या? क्या दोस्ती में आ गई दरार?

यही इस खबर का सबसे दिलचस्प पहलू है। कनाडा का यह कदम सीधे तौर पर अमेरिका पर उसकी निर्भरता को कम करने वाला है। अभी तक आलम यह था कि कनाडा अपने रक्षा बजट का 70% हिस्सा अमेरिकी कंपनियों पर खर्च करता था। यानी हर एक डॉलर में से 70 सेंट अमेरिका की जेब में जाते थे। अब ऐसा नहीं होगा।

रिश्तों में यह खटास तब से शुरू हुई, जब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा के साथ व्यापार युद्ध छेड़ा और यहां तक कह दिया था कि कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बन जाना चाहिए। इस बात से कनाडा के लोगों में काफी नाराजगी थी।

इसका एक और बड़ा सबूत यह है कि कनाडा अब अमेरिका से F-35 लड़ाकू विमान खरीदने के सौदे पर फिर से विचार कर रहा है और उसकी जगह स्वीडन से विमान खरीदने की सोच रहा है।

यह साफ है कि कनाडा अब रक्षा और व्यापार के लिए सिर्फ एक पड़ोसी पर निर्भर नहीं रहना चाहता, बल्कि दुनिया में नए और मजबूत दोस्त बना रहा है।