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Up Kiran, Digital Desk: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच मैचों की टी20 सीरीज में अर्शदीप सिंह को शुरुआती दो मुकाबलों से बाहर बैठाए जाने को लेकर फैंस और क्रिकेट विशेषज्ञों में उत्सुकता बनी रही। अर्शदीप, जो वर्तमान में भारत के सबसे सफल टी20 अंतरराष्ट्रीय गेंदबाजों में से एक हैं, को दो मैचों तक प्लेइंग इलेवन से बाहर रखा गया, जो सवालों के घेरे में आया। हालांकि, इसके पीछे कोई व्यक्तिगत कारण नहीं था, बल्कि टीम के अलग-अलग संयोजनों की रणनीतिक कोशिश थी।

टीम इंडिया के बॉलिंग कोच ने दी सफाई

टीम इंडिया के बॉलिंग कोच मोर्ने मोर्कल ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि अर्शदीप को बाहर बैठाने का फैसला टीम की रणनीतिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लिया गया था। मोर्कल के अनुसार, अर्शदीप एक वर्ल्ड क्लास गेंदबाज हैं, लेकिन टीम को अन्य विकल्पों का भी परीक्षण करना जरूरी था। मोर्कल ने स्पष्ट किया कि अर्शदीप को इस फैसले के बारे में पूरी जानकारी थी और वह इसे समझते हैं।

क्या टीम इंडिया की गेंदबाजी में बदलाव की जरूरत थी?

यह कदम दर्शाता है कि टीम इंडिया को अपनी गेंदबाजी संयोजन पर फिर से विचार करना पड़ रहा है, खासकर जब विपक्षी टीमों का सामना करना हो। अर्शदीप को कुलदीप यादव की मौजूदगी के कारण प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिल पाई, जो एक कठिन निर्णय था। मोर्कल ने स्वीकार किया कि ऐसे फैसले हमेशा आसान नहीं होते, लेकिन टीम को यह समझने की आवश्यकता है कि दबाव की स्थितियों में खिलाड़ी किस तरह प्रदर्शन करते हैं।

तीसरे मैच में अर्शदीप की शानदार वापसी

हालांकि, तीसरे मैच में अर्शदीप ने अपनी क्षमता साबित की। उन्होंने 4 ओवर में केवल 35 रन खर्च करते हुए 3 विकेट चटकाए और 'प्लेयर ऑफ द मैच' का पुरस्कार जीता। उनके इस प्रदर्शन ने भारत को पांच विकेट से जीत दिलाई, और यह साबित कर दिया कि अर्शदीप की टीम में भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है। उनके इस शानदार प्रदर्शन से यह भी साबित हुआ कि कभी-कभी, रणनीतिक बदलावों के बावजूद, एक खिलाड़ी का प्रभाव बहुत अधिक हो सकता है।