Up Kiran, Digital Desk: आपने शायद सुना होगा कि दुनिया के कई देशों में वीजा और पासपोर्ट के नियम काफी सख्त होते हैं, लेकिन पाकिस्तान और इजराइल के मामले में यह नियम केवल कागजों तक सीमित नहीं हैं। पाकिस्तान के लिए इजराइल की यात्रा एक बड़ा राजनीतिक और धार्मिक मुद्दा है। पाकिस्तान ने इजराइल को कभी भी एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्वीकार नहीं किया है। इस नीति का मुख्य कारण फिलिस्तीनी संघर्ष और मध्य-पूर्व में पाकिस्तान की स्थिरता बनाए रखना है।
पाकिस्तानी पासपोर्ट पर 'Not Valid for Israel' क्यों लिखा होता है?
पाकिस्तानी पासपोर्ट पर जब आप नजर डालते हैं, तो एक स्पष्ट चेतावनी मिलती है— "Not Valid for Israel". यह शब्द केवल एक सामान्य नोटिस नहीं है, बल्कि यह एक कानूनी प्रतिबंध का प्रतीक है। इसका मतलब है कि किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के लिए इजराइल यात्रा की कोई संभावना नहीं है, चाहे वह वीजा या अन्य यात्रा दस्तावेजों के साथ प्रयास करें। यदि कोई व्यक्ति इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उसे यात्रा के दौरान या इजराइल के प्रवेश द्वार पर रोक लिया जा सकता है।
पाकिस्तान के नागरिक तीसरे देशों के रास्ते क्यों जाते हैं?
कभी-कभी, पाकिस्तान के नागरिकों को इजराइल जाने के लिए तीसरे देशों के रास्ते का इस्तेमाल करना पड़ता है। हालांकि, इस रास्ते पर भी उन्हें कानूनी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है। यह नीति पाकिस्तान की विदेश नीति का अहम हिस्सा है और इसका उद्देश्य न केवल इजराइल के खिलाफ स्थिति को स्पष्ट करना है, बल्कि पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण और फिलिस्तीनी समर्थन को भी दिखाना है।
पाकिस्तान की विदेश नीति और इस प्रतिबंध का महत्व
इस नीति का पालन पाकिस्तान की विदेश नीति का एक अहम हिस्सा है। हालांकि पाकिस्तान और इजराइल के बीच कोई औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं हैं, यह प्रतिबंध पाकिस्तान के राजनीतिक और धार्मिक दृष्टिकोण को दर्शाता है। इजराइल को मान्यता न देने का निर्णय पाकिस्तान के लिए एक संवेदनशील और विवादास्पद मुद्दा है। यही कारण है कि इस मामले में पाकिस्तान अपनी नीति को सख्ती से बनाए रखता है, चाहे यह नागरिकों के लिए यात्रा प्रतिबंध के रूप में हो या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके प्रभाव से जुड़ा हो।
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