
sunita williams return to earth: नौ महीने तक अंतरिक्ष की सैर करने के बाद भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बैरी बुच विल्मोर धरती की ओर लौट पड़े हैं। मंगलवार सवेरे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन कैप्सूल में सवार होकर शुरू हुआ उनका सफर बुधवार तड़के फ्लोरिडा के तट पर समंदर में स्प्लैशडाउन के साथ खत्म होगा। लेकिन सवाल यह है कि आखिर उनका अंतरिक्ष यान जमीन पर क्यों नहीं उतरा? क्यों चुना गया पानी का रास्ता? जवाब हैरान करने वाला है और अंतरिक्ष विज्ञान की बारीकियों में छुपा है।
अंतरिक्ष से धरती तक का रोमांचक सफर
18 मार्च को सवेरे 10:35 बजे क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान आईएसएस से अलग हुआ और 17 घंटे की यात्रा पर निकल पड़ा। नासा के मुताबिक, यह यान बुधवार सवेरे 3:27 बजे फ्लोरिडा तट पर समुद्र में उतरेगा। चार अंतरिक्ष यात्रियों—सुनीता, बुच और उनके दो अन्य साथियों—को लेकर यह कैप्सूल पैराशूट की मदद से पानी पर लैंड करेगा। इसे "स्प्लैशडाउन" कहते हैं। लेकिन ये तरीका कोई नया नहीं है; यह अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित घर लाने की पुरानी और भरोसेमंद तकनीक है।
पृथ्वी की ओर लौटते वक्त अंतरिक्ष यान की गति इतनी तेज होती है कि उसे धीमा करना सबसे बड़ी चुनौती बन जाती है। यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ डकोटा के अंतरिक्ष अध्ययन विशेषज्ञ मार्कोस फर्नांडीज टूस बताते हैं कि जब यान वायुमंडल में प्रवेश करता है, तो हवा के कणों से रगड़ के कारण भयंकर घर्षण होता है। यह गतिज ऊर्जा को ऊष्मा में बदल देता है। इस दौरान यान के आसपास का तापमान 2,700 डिग्री फ़ारेनहाइट (1,500 डिग्री सेल्सियस) तक पहुंच जाता है- ध्वनि की गति से कई गुना तेज। बाहर खिड़की से अंतरिक्ष यात्रियों को आग की दीवार दिखती है।
स्प्लैशडाउन क्यों, जमीन क्यों नहीं?
इस रफ्तार को काबू में लाने के लिए पैराशूट का सहारा लिया जाता है। क्रू ड्रैगन के मामले में 11 पैराशूट सिस्टम काम करता है। ये 9,000 फीट की ऊंचाई पर खुलता है और यान की गति को 130 मील प्रति घंटे से घटाकर 17 मील प्रति घंटे तक लाता है। लेकिन इतना सब होने के बाद भी जमीन पर उतरना जोखिम भरा हो सकता है।
विशेषज्ञ के मुताबिक, "पानी एक बेहतरीन शॉक एब्जॉर्बर है। इसकी चिपचिपाहट और घनत्व चट्टानों से कम होता है, जिससे ये लैंडिंग के लिए सुरक्षित विकल्प बन जाता है।" अगर जमीन असमान हुई, तो यान पलट सकता है या ढलान से लुढ़क सकता है। चालक दल के लिए ये खतरनाक और असुरक्षित होगा।