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पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय बांगर का नाम पिछले कुछ महीनों से चर्चा में है। संजय बांगड़ फिलहाल आईपीएल में कमेंटेटर की भूमिका निभा रहे हैं। मगर उनके नाम पर चर्चा होने का कारण अलग है। संजय बांगड़ के बेटे आर्यन बांगड़ ने हाल ही में लिंग परिवर्तन सर्जरी कराई है। आर्यन ने अब हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के तहत एक लड़की को जन्म दिया। उन्होंने अनाया बांगर के रूप में एक नई पहचान भी हासिल कर ली है। वह वर्तमान में एक सोशल मीडिया प्रभावकार के रूप में अपना नाम बना रही हैं। अनाया बांगर ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि एक लड़के के रूप में जन्म लेने के बाद वह एक लड़की क्यों बनना चाहती थी और उन्हें पहली बार इस बात का एहसास कब हुआ।
आपने लड़की बनने का फैसला क्यों किया?
अनाया बांगर ने लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में बताया कि कुछ लोग सोचते हैं कि हम लड़के हैं, मगर हमें लड़कियां होना चाहिए था। हर किसी की अलग-अलग उम्र में यही धारणा होती है। जब मैं 8-9 साल की थी, तो मैं अपनी मां के कमरे में चुपके से जाती थी, उनकी अलमारी से कपड़े लेती थी, अपने कमरे में आती थी, उन्हें पहनती थी और खुद को आईने में देखती थी। उस समय मुझे लगता था कि मैं एक लड़की हूं और मैं एक लड़की ही बनना चाहती हूं।
उन्होंने कहा कि मैंने 2021 तक एक लड़के के रूप में क्रिकेट खेला। उस दौरान मैं बहुत सोचती थी। मैं यह पता लगाने की कोशिश कर रही थी कि मैं लड़का हूं या लड़की। शुरू में मैंने ये भी सोचा कि मुझे लिंग परिवर्तन सर्जरी नहीं करवानी चाहिए क्योंकि इससे मेरे जीवन पर बुरा असर पड़ेगा। अगर मैं ट्रांसजेंडर बन गई, तो मैं इस बारे में बहुत सोचती थी कि लोग मेरे बारे में क्या कहेंगे, क्रिकेट समुदाय में लोग मेरे बारे में क्या कहेंगे। एक समय ऐसा भी था जब मैं उदास हो जाती थी, मुझे गोलियां लेनी पड़ती थीं, मैं मैच से पहले या ड्रेसिंग रूम में बल्लेबाजी करने से पहले छिपकर रोती थी। आखिरकार एक दिन मैं क्रिकेट से नाराज हो गई क्योंकि मुझे खुद पर शक था। तभी मैंने आखिरकार फैसला लिया।
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