
Up Kiran, Digital Desk: केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। मंदिर के गर्भगृह की छत पर सोने की परत चढ़ाने के काम में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगे हैं, जिसके बाद त्रावणकोर देवासम बोर्ड (TDB) के अध्यक्ष पी एस प्रशांत ने इस पूरे मामले की विस्तृत जांच की मांग की है।
यह विवाद तब सामने आया जब मंदिर के तंत्री (मुख्य पुजारी) कandararu Mahesh Mohanaru ने आरोप लगाया कि सोने की परत चढ़ाने का काम पारंपरिक तरीकों और नियमों के हिसाब से नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि इसमें इस्तेमाल की गई लकड़ी और तांबे की गुणवत्ता भी खराब है। सबसे बड़ा आरोप यह है कि बोर्ड के सदस्यों ने कथित तौर पर काम करने वाले ठेकेदार से रिश्वत ली है।
इन आरोपों के बाद, TDB अध्यक्ष पी एस प्रशांत ने कहा है कि यह एक बहुत ही गंभीर मामला है और इसकी सच्चाई सामने आनी चाहिए। उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, "भक्तों की भावनाओं और मंदिर की पवित्रता से खिलवाड़ करने का हक किसी को नहीं है।"
प्रशांत ने कहा कि यह सिर्फ भ्रष्टाचार का मामला नहीं है, बल्कि यह मंदिर की परंपराओं और शुद्धता से भी जुड़ा हुआ है। उनका कहना है कि इस काम के लिए भक्तों से सोना और पैसा दान में लिया गया था, इसलिए इसकी पूरी पारदर्शिता के साथ जांच होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट की कुल लागत लगभग 20 करोड़ रुपये थी, जिसमें से 9.20 करोड़ रुपये का सोना और तांबा इस्तेमाल किया गया। यह काम बेंगलुरु की एक कंपनी ने किया था।
TDB अध्यक्ष ने स्पष्ट किया है कि जांच पूरी होने तक ठेकेदार को कोई भी भुगतान नहीं किया जाएगा। उन्होंने केरल के मुख्यमंत्री और सतर्कता विभाग से भी इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने का अनुरोध किया है ताकि सच सामने आ सके और दोषियों को सजा मिल सके।