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Up Kiran, Digital Desk: सालों तक ब्रिटिश सेना और खुफिया एजेंसियों के लिए पसीना बहाने वाले अफगान नागरिकों को अब अपनी जान की कीमत चुकानी पड़ रही है वो भी उस सरकार की लापरवाही के कारण, जिसे उन्होंने सहयोग दिया था। अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद ब्रिटेन ने अपने पूर्व सहयोगियों को सुरक्षित निकालने के प्रयास तो किए लेकिन एक भयावह चूक ने हजारों जिंदगियों को जोखिम में डाल दिया है।

ब्रिटेन से जुड़ी गोपनीय लिस्ट के लीक की आशंका

ब्रिटिश सरकार की ओर से एक बेहद संवेदनशील लिस्ट, जिसमें उन अफगानों के नाम थे जिन्होंने वर्षों तक ब्रिटिश मिशनों की सहायता की थी, अब लापता है। यह दस्तावेज़ बेहद गोपनीय था और इसके गलत हाथों में जाने की आशंका से दहशत फैल गई है। आशंका है कि यह सूची अब तालिबान के हाथ लग चुकी है। डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सप्ताह जिन तीन अफगानों की हत्या हुई, उनके तार ब्रिटेन से जुड़े हुए थे ये इस चिंता को और गहरा करता है।

मंगलवार को कुछ अफगान नागरिकों को सरकार की ओर से एक खेद व्यक्त करने वाला पत्र मिला, जिसमें बताया गया कि उनके निजी दस्तावेज़ों की गोपनीयता भंग हो गई है। इसे ब्रिटेन के इतिहास की सबसे बड़ी डेटा लीक घटनाओं में से एक माना जा रहा है, जिसने लगभग एक लाख अफगानों को खतरे के मुहाने पर ला खड़ा किया है।

ब्रिटेन भागे सैनिक ने बताई दिल दहला देने वाली आपबीती

एक पूर्व अफगान सैनिक, जो अब ब्रिटेन में शरण लिए हुए है, ने बताया कि उसके भाई की बेरहमी से हत्या कर दी गई, क्योंकि तालिबान को उसके ब्रिटेन कनेक्शन की भनक लग चुकी थी। उसका कहना है कि अगर तालिबान के पास पूरी सूची पहुंच गई है, तो आगे और हत्याएं होना तय है। उसने ब्रिटिश सरकार को इस संभावित नरसंहार का जिम्मेदार ठहराया।

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