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Up Kiran, Digital Desk: जब भी पेट की सेहत या प्रोबायोटिक्स की बात आती है, तो हमारे दिमाग में सबसे पहला नाम 'दही' का आता है। दही एक बेहतरीन प्रोबायोटिक है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारी भारतीय रसोई ऐसे कई खजानों से भरी पड़ी है जो पेट के लिए अच्छे बैक्टीरिया का भंडार हैं? ये फर्मेंटेड यानी खमीरीकृत खाद्य पदार्थ न केवल स्वाद में लाजवाब होते हैं, बल्कि आंतों को स्वस्थ रखने में भी दही से कहीं ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकते हैं।

तो चलिए, दही से आगे बढ़कर जानते हैं भारत के 7 देसी प्रोबायोटिक सुपरफूड्स के बारे में:

1. कांजी:होली के आसपास बनने वाला यह खट्टा-चटपटा ड्रिंक किसी अमृत से कम नहीं है। काली गाजर, चुकंदर, पानी और मसालों से तैयार कांजी पेट के लिए बहुत फायदेमंद होती है। यह पाचन को सुधारती है और गर्मियों में शरीर को ठंडा रखने में मदद करती है।

2. ढोकला:गुजरात का यह नरम और स्पंजी नाश्ता सिर्फ स्वाद में ही नहीं, सेहत में भी कमाल का है। चने की दाल और चावल को फर्मेंट करके बनाया गया ढोकला पचाने में बहुत आसान होता है और आंतों को स्वस्थ रखने वाले बैक्टीरिया को बढ़ाता है।

3. इडली/डोसा:दक्षिण भारत का यह मशहूर नाश्ता प्रोबायोटिक्स का एक बेहतरीन स्रोत है। चावल और दाल को घंटों तक फर्मेंट करने की प्रक्रिया से इसमें अच्छे बैक्टीरिया पनपते हैं जो हमारे पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं।

4. अचार:घर का बना पारंपरिक अचार (बिना तेल और सिरके वाला) प्रोबायोटिक्स का खजाना होता है। सब्जियों को नमक और मसालों के साथ फर्मेंट करने से उनमें फायदेमंद बैक्टीरिया पैदा होते हैं। बस ध्यान रहे कि बाजार में मिलने वाले तेल से भरे अचार की जगह घर के बने पानी वाले अचार को प्राथमिकता दें।

5. पझया सोरू (पंता भात):पूर्वी भारत और तमिलनाडु में खाया जाने वाला यह "बासी भात" सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। रात के बचे हुए चावल को पानी में भिगोकर रख दिया जाता है और सुबह खाया जाता है। यह प्रक्रिया चावल में प्रोबायोटिक्स की मात्रा को कई गुना बढ़ा देती है।

6. हांडवो:यह भी एक गुजराती डिश है, जो एक मसालेदार केक जैसा होता है। इसे भी दाल और चावल को फर्मेंट करके और उसमें सब्जियां डालकर बनाया जाता है। यह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पेट के लिए बहुत लाभकारी है।

7. सेल् रोटी:यह नेपाल और सिक्किम में लोकप्रिय एक पारंपरिक मीठी रोटी है, जिसे चावल के आटे को फर्मेंट करके बनाया जाता है। इसका हल्का खट्टा-मीठा स्वाद इसे खास बनाता है और यह पाचन के लिए भी अच्छी होती है।

तो अगली बार जब आपको अपने पेट का ख्याल आए, तो सिर्फ दही पर ही न रुकें, इन देसी विकल्पों को भी अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।