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Begging Ban: हाल ही में इंदौर जिला प्रशासन ने भीख मांगने वालों को पैसे देने के खिलाफ चेतावनी जारी की है। प्रशासन का कहना है कि भीख मांगने वाले लोग अक्सर संगठित अपराध से जुड़े होते हैं और उन्हें पैसे देने से यह समस्या और बढ़ सकती है।

इस चेतावनी के तहत अगर कोई व्यक्ति भीखारी को पैसे देता है, तो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। प्रशासन का मकसद लोगों को जागरूक करना है कि भीख देना न केवल समस्या का समाधान नहीं है, बल्कि यह भीख मांगने वाले व्यक्तियों को और अधिक निर्भर बना सकता है।

जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे भीख मांगने वालों की मदद करने के लिए अन्य तरीकों पर विचार करें, जैसे कि उन्हें भोजन या अन्य आवश्यक चीजें प्रदान करना। इस तरह की कार्रवाई से न केवल भीख मांगने वाले व्यक्तियों की स्थिति में सुधार हो सकता है, बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव आ सकता है।

प्रशासन ने अब सख्ती से कहा है कि 1 जनवरी, 2025 से बड़ों को भीख देने वालों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।

आपको बता दें कि इंदौर उन 10 जिलों में से एक है, जिन्हें केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने भीख मांगने को खत्म करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुना है। भिक्षा देने को हतोत्साहित करके प्रशासन भीख मांगने के जाल को तोड़ने और जरूरतमंद लोगों के लिए स्थायी समाधान प्रदान करने की उम्मीद करता है।

 

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