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Up Kiran, Digital Desk:  यूट्यूबर और हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए मनीष कश्यप ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से अलग होने का फैसला किया है। उन्होंने शनिवार रात एक फेसबुक लाइव सेशन के दौरान यह चौंकाने वाली घोषणा की। कश्यप ने कहा कि उन्हें अब ऐसा नहीं लगता कि वह पार्टी का हिस्सा रहते हुए लोगों की प्रभावी ढंग से सेवा कर सकते हैं।

यह फैसला तब आया है जब कश्यप ने 25 अप्रैल, 2024 को अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के बीच आधिकारिक तौर पर भाजपा का दामन थामा था। हालांकि, पार्टी के साथ उनका जुड़ाव केवल कुछ ही महीनों का रहा।

फेसबुक लाइव के दौरान, कश्यप ने अपनी बात रखते हुए कहा, "मैं बिहार और बिहारियों के लिए लड़ना चाहता हूं। मुझे लगता है कि पार्टी में रहकर मैं लोगों की आवाज प्रभावी ढंग से नहीं उठा पाऊंगा। इसलिए मैंने यह फैसला किया है।" उन्होंने अपने फॉलोअर्स से यह भी पूछा कि उन्हें आगामी चुनाव कहां से लड़ना चाहिए, जिससे उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं एक बार फिर सतह पर आ गई हैं।

पीएमसीएच घटना के बाद बढ़ा मतभेद?

कश्यप का यह अचानक लिया गया निर्णय पटना के पीएमसीएच अस्पताल में हुई एक कथित घटना के कुछ ही दिनों बाद आया है। इस घटना में कश्यप पर डॉक्टरों द्वारा कथित तौर पर हमला किया गया था। इस घटना के बाद, उन्होंने भाजपा द्वारा उनका समर्थन न किए जाने पर खुलकर निराशा व्यक्त की थी, जिसकी शिकायत वह पिछले कुछ दिनों से सार्वजनिक रूप से कर रहे थे। ऐसा प्रतीत होता है कि इस घटना ने उनके और पार्टी के बीच दूरियां और बढ़ा दीं।

बिहार की राजनीति में क्या होगा अगला कदम

मनीष कश्यप का अचानक भाजपा से बाहर होना बिहार में उभरती राजनीतिक कहानी में एक नया मोड़ लाता है, खासकर 2025 के राज्य चुनाव और 2026 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर। उनका अगला कदम, खासकर कि वह स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेंगे या किसी अन्य पार्टी में शामिल होंगे, यह अभी देखा जाना बाकी है। कश्यप के अपने बड़े सोशल मीडिया फॉलोअर्स के कारण, उनके इस कदम का बिहार के राजनीतिक परिदृश्य पर निश्चित रूप से प्रभाव पड़ेगा। उनकी राजनीतिक यात्रा अब किस दिशा में आगे बढ़ती है, यह देखना दिलचस्प होगा।

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