यूपी विधानसभा चुनाव में आप जिला पंचायत सदस्यों को देगी मौका, सियासी पार्टियों में खलबली

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लखनऊ। कोरोना महामारी से हो रही मौतों और दहशतों के बीच उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां भी शुरू हो गई हैं। यूपी पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्यों की 83 सीटें जीतने से उत्साहित आम आदमी पार्टी (आप) ने विधानसभा चुनाव की तैयारियां भी शुरू कर दी है। आप ने अपने नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों के साथ पार्टी में शामिल होने वाले निर्दल जिला पंचायत सदस्यों को आगामी विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाने की घोषणा कर दी है।

यूपी पंचायत चुनाव के नतीजों से आम आदमी पार्टी खासा उत्साहित है। आप इसे विधानसभा चुनाव का मॉक ड्रिल मान रही है। बताते चलें कि ८३ आप समर्थित उम्मीदवारों ने जिला पंचायत सदस्य के पदों पर जीत हासिल की है। इसके साथ ही बड़ी तादाद में आप समर्थित ग्राम प्रधान एवं बीडीसी के पद पर भी बड़ी तादाद में उम्मीदवार विजयी हुए हैं। प्रदेश आप अध्यक्ष सभाजीत सिंह को कहना है कि यूपी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मिली कामयाबी अरविंद केजरीवाल की नीतियों पर सूबे की जनता की मुहर है।

सभाजीत सिंह ने कहा कि यूपी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मिली कामयाबी के पीछे पार्टी समर्पित कार्यकर्ता हैं, जो केजरीवाल की नीतियों को लेकर घर-घर पहुंचे। इस जीत से पार्टी का आत्मविश्वास बढ़ा है। आप अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता अब दुगुने जोश के साथ लोगों के बीच दिल्ली की तर्ज पर यूपी में भी 200 यूनिट मुफ्त बिजली, फ्री पानी, मुफ्त गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और इलाज का मुद्दा उठा रहे हैं। इसलिए अगले 2022 में यूपी में आप को बड़ी जीत मिलनी तय है।

यूपी आप अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी अपने जिला पंचायत सदस्यों और इस दौरान पार्टी में शामिल होने वाले निर्दलीय जिला पंचायत सदस्यों को भी विधानसभा चुनाव लड़ाएगी। नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों को बधाई देते हुए सभाजीत सिंह ने कहा कि योगी सरकार के कुप्रबंधन के चलते कोरोना महामारी गांव-गांव तक फैल चुकी है। अस्पतालों में बेड नहीं है, बाजार में सामान्य दवाओं तक की किल्लत है। लॉकडाउन में गरीब परिवारों में दो जून की रोटी का संकट भी खड़ा हो गया। आप अध्यक्ष ने पार्टी कार्यकर्ताओं और पंचायत सदस्यों को महामारी से पीड़ित जनता की हरसंभव मदद मुहैया कराने की अपील की है।

सूबे में आप की बढ़ती सक्रियता और विधानसभा चुनाव की एडवांस तैयारियों से सत्तारूढ़ बीजेपी और कांग्रेस समेत सभी सियासी पार्टियों में खलबली मच गई हैं। यूपी में आप की पैठ से सबसे ज्यादा नुक्सान बीजेपी और कांग्रेस का होना माना जा रहा है। कोरोना काल में दिल्ली से बड़ी तादाद में वापस लौटे यूपी के प्रवासी कामगार आप के सबसे बड़े मददगार साबित हो सकते हैं।

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