चाणक्य के अनुसार न करें ऐसी गलतियां, बाद में पड़ेगा पछताना!

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नई दिल्ली: आचार्य चाणक्य एक प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ, राजनयिक माने जाते थे। उनकी बुद्धि इतनी अद्भुत थी कि उन्होंने इसी के आधार पर नंद वंश के अंत की कहानी लिखी थी। उनके द्वारा अपनाए गए कदम बहुत प्रभावी थे और इसीलिए इन नीतियों का आज भी विशेष महत्व है। इन नीतियों को आधार बनाकर चाणक्य ने कई लोगों के जीवन में बड़े बदलाव किए। खास बात यह है कि आचार्य चाणक्य गुरु होने के साथ-साथ समाजशास्त्री भी थे। उनके लिखे और बोले गए शब्द इतने प्रभावी हैं कि लोग आज भी उन्हें अपने जीवन में लागू करते हैं। समाज में रहकर जीवन कितना सफल हो सकता है (समाज पर चाणक्य नीति), इसका उल्लेख आचार्य ने अपनी नीति पुस्तक में भी किया है।

यदि कोई व्यक्ति आचार्य द्वारा कही गई बातों को अपने जीवन में बेहतर ढंग से लागू करता है, तो उसकी कई समस्याओं का समाधान हो सकता है। आचार्य द्वारा दिए गए मार्गदर्शन का पालन करके असफलताओं से बचा जा सकता है। आचार्य ने कुछ ऐसी गलतियों के बारे में बताया है, जिसका बाद में पछतावा होता है। हम आपको इन्हीं गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं।

माता-पिता का अपमान
माता-पिता के जीवन में एक ऐसा दौर आता है जब उनमें से अधिकांश को अपने बच्चों पर निर्भर रहना पड़ता है। भारत जैसे देश में पितृसत्तात्मक सोच के प्रभुत्व के कारण माता-पिता की जिम्मेदारी पुत्र को ही दी जाती है। बेटे पर आश्रित माता-पिता वृद्धावस्था के कारण कई मामलों में मदद मांगने को मजबूर हैं। कुछ लोगों का व्यवहार ऐसा हो जाता है कि वे चिढ़ जाते हैं और अपने माता-पिता का अपमान करने लगते हैं। चाणक्य के अनुसार यह जीवन की सबसे बड़ी भूल है, क्योंकि माता-पिता का ऋण जीवन में कभी नहीं चुकाया जा सकता। जीवित माता-पिता की सेवा करना बाद में पछताने से बेहतर है।

समय की बर्बादी
समय एक ऐसी चीज है जो एक बार बीत जाने के बाद कभी वापस नहीं आता। यदि कोई काम समय पर नहीं किया जाता है या हम उसे करने में आलस करते हैं, तो इस स्थिति में केवल पछतावे की ही प्राप्ति होती है। एक कहावत है कि न वक्त किसी के लिए रुकता है और न ही कभी रुकेगा। आचार्य चाणक्य के अनुसार जिसने भी समय के महत्व को नहीं समझा है उसे जीवन में असफलता का सामना करना ही पड़ता है। ऐसे में समय बर्बाद करने से बचें और अपने जीवन से जुड़े जरूरी कार्यों को समय पर करें।

क्रोध
आचार्य चाणक्य के अनुसार क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। जो लोग गुस्से पर काबू नहीं रख पाते उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं ऐसे लोगों को असफलता भी परेशान करती है। दरअसल, गुस्से में डूबे रहने वाले व्यक्ति को लोग पसंद नहीं करते हैं। साथ ही ऐसे लोगों के साथ बैठना और उठना भी लोगों को पसंद नहीं होता है।

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