वास्तुशास्त्र के अनुसार काम करने की जगह करें तैयार, नकारात्मकता नहीं भटकेगी पास

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नई दिल्ली: वास्तु शास्त्र के अनुसार आपका कार्यस्थल और उसकी संरचना कैसी है, इसका सीधा असर आपकी सफलता पर पड़ता है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि जिस जगह आप अपने बिजनेस के लिए काम करते हैं उसकी रूपरेखा कैसी है। वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण या पश्चिम की ओर मुख वाली जगह खाने-पीने के लिए अच्छी होती है।

महिलाओं के वस्त्र से संबंधित कार्य के लिए दक्षिण-पूर्व की ओर मुख वाले स्थान अच्छे होते हैं। अगर हम कोई ऐसा काम कर रहे हैं जो मनोरंजन से जुड़ा हो तो उसके लिए उत्तर-पूर्व स्थान फलदायी होता है। व्यापार करने के स्थान पर आपका बैठने का स्थान दक्षिण-पश्चिम की ओर हो तो अच्छा है। यहां कोई भी असंतुलन समस्या पैदा कर सकता है।

आप जिस भी वस्तु का व्यापार कर रहे हैं, वह दक्षिण-पश्चिम में नहीं पड़ी होनी चाहिए, उसका ध्यान रखना चाहिए। तैयार माल को काम के स्थान पर उत्तर-पश्चिम दिशा में रखें। यहां उत्तर से पूर्व दिशा क्षेत्र को पूरी तरह से साफ रखें, नहीं तो यह आपके व्यवसाय में परेशानी पैदा कर सकता है और मानसिक तनाव भी पैदा कर सकता है।

कार्यस्थल पर पूजा का स्थान उत्तर-पूर्व में हो तो अच्छा है। इस तरफ आपसे मिलने वालों के लिए भी जगह बन सकती है। यहां हल्के रंग होना अच्छा है। खासतौर पर अपने केबिन में ऐसे रंगों को हल्का रखें, जो आंखों में न चुभें। आपके बैठने की स्थिति ऐसी होनी चाहिए कि बैठते समय आपकी पीठ मुख्य द्वार की ओर न हो। यहां का मुख्य द्वार साफ-सुथरा होना चाहिए। प्रवेश द्वार के एक तरफ स्टील की प्लेट में काला क्रिस्टल रखें, ताकि नकारात्मकता न आए।

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