बलात्कार का आरोपी बरी, कोर्ट ने साफ किया, सहमति से बना शारीरिक संबंध बलात्कार

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महाराष्ट्र॥ ठाणे की एक अदालत ने बलात्कार के आरोप से 56 साल के व्यक्ति को बरी कर दिया है। ठाणे कोर्ट ने इस बात की ओर ध्यान दिलाया कि, सहमति से बना शारीरिक संबंध बलात्कार नहीं होता। इस शख्स पर अपने ड्राइवर की पत्नी से बलात्कार का आरोप था।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर आर वैष्णव ने पिछले बृहस्पतिवार के अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी दिलीप श्रीधर पाटिल के खिलाफ लगे बलात्कार के आरोप को सिद्ध करने में बुरी तरह विफल रहा। अभियोजन पक्ष के मुताबिक महिला का पति आरोपी के चालक के तौर पर काम करता था। आरोपी के अक्सर उनके घर आने-जाने की वजह से वह उससे घुल-मिल गई थी। अभियोजक ने कहा कि 2014 में आरोपी ने महिला को एक लॉज में बुलाकर उसके बलात्कार किया। इसके बाद कई मौकों पर महिला से बलात्कार किया।

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अभियोजन पक्ष का आरोप था कि महिला के विरोध करने पर आरोपी ने उस बदनाम करने और उसके पति को नौकरी से हटाने की धमकी दी। अदालत को बताया कि 2014 में महिला के पति की मौत के बाद, आरोपी ने कई बार उससे बलात्कार कर उस कुछ पैसे भी दिए। इस घटनाक्रम से परेशान होकर एक दिन महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। न्यायाधीश ने पाया कि महिला ने अपने बयान में कहा कि वह आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं चाहती। बचाव पक्ष के वकील की ओर से पूछताछ किए जाने के दौरान उसने स्वीकार किया कि उसके और आरोपी के बीच सहमति से संबंध बने थे। महिला ने स्वीकार किया कि उसकी भाभी को इसकी जानकारी हो गई थी जिसके बाद उसने आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। न्यायाधीश ने कहा, पीड़िता ने ये सब स्वीकार कर अभियोजन की कहानी को गलत साबित कर दिया।

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