Afghanistan : खुनी सत्ता संघर्ष, बरादर घायल, नई सरकार की संभावनाएं धूमिल

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अंतर्राष्ट्रीय डेस्क।
अफगानिस्तान ( Afghanistan ) में बर्बरता चरम पर पहुंच गई है। तालिबान की नई सरकार (Taliban New Government) का गठन होने से पहले इस युद्धरत देश में सत्ता संघर्ष शुरू हो गया है। ख़बरों के मुताबिक़ सत्ता में भागीदारी को लेकर तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के बीच आमने-सामने गोलाबारी हुई है, जिसमे तालिबान के सह-संस्थापक अब्दुल गनी बरादर (Abdul Ghani Baradar) के घायल हुए हैं। अपुष्ट ख़बरों के मुताबिक़ बरादर का पाकिस्तान के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस बीच तालिबान गुटों के बीच आपस में ही मतभेद की ख़बरें आ रही हैं।

अंतर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सत्ता में भागीदारी को लेकर तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के शीर्ष नेता काबुल में इकट्ठा हुए थे। इस दौरान पहले आपस में कहासुनी हुई, फिर अचानक आमने-सामने गोलाबारी शुरू हो गई। कहा जा रहा है कि पहले गोली अनस हक्कानी की तरफ से चलाई गई, जिसमें मुल्ला बरादर घायल हो गया है। दरअसल, हक्कानी नेटवर्क रक्षामंत्री का पद चाहता है, जो तालिबान को मंजूर नहीं है।

अफगानिस्तान ( Afghanistan)में जारी बर्बर सत्ता संघर्ष के बीच पाकिस्तान की कुख्यात खफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज़ हमीद काबुल पहुंचे हैं। ISI चीफ की काबुल यात्रा का ख़ास मकसद मुल्ला अब्दुल गनी बरादर, क्वेटा शूरा के मुल्ला याकूब, मुल्ला उमर के बेटे और हक्कानी नेटवर्क के बीच मतभेदों को सुलझाना है।

दरअसल, ISI अफगानिस्तान में अपने मुताबिक़ सरकार चाहता है। एक ऐसा कट्टरपंथी इस्लामी गणराज्य, जिसमे राज्य का मुखिया ही सर्वोच्च नेता होता है। यह ईरान मॉडल है। तालिबान का मकसद भी यही है। इस मकसद को पूरा करने के लिए ही ISI तालिबान गुटों और हक्कानी नेटवर्क को हथियार और धन मुहैया कराता रहा है। बताते चलें कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने हक्कानी नेटवर्क को आतंकवादी ग्रुप की श्रेणी में रखा है।

इस बीच तालिबान गुटों में आपस में ही गहरे मतभेदों की ख़बरें आ रही हैं। सत्ता संघर्ष के चलते अफगानिस्तान में सरकार गठन की संभावनाएं भी धूमिल पड़ती जा रही हैं। इस बीच ईरान ने कहा है कि अफगानिस्तान में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होना चाहिए। इस तरह की किसी भी सरकार को वह समर्थन नहीं करेगा।

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