आखिरकार भाजपा के चंगुल से निकली राजस्थान की गहलोत सरकार

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जयपुर॥ आखिरकार आज राजस्थान में कांग्रेस सरकार के लिए राहत वाली खबर रही। लगभग एक महीने से भाजपा के चंगुल में फंसी अशोक गहलोत सरकार को आजादी मिली। लेकिन उससे पहले गहलोत सरकार को कुदरत के कहर से गुजरना पड़ा। शुक्रवार सुबह से ही राजस्थान की राजधानी जयपुर में बारिश ने इस कहर बरपाया कि इससे गहलोत सरकार घिर गई।

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राज्य विधानसभा सत्र में भी बारिश ने खलल डाला। दरअसल गहलोत खेमे के विधायक सत्र में हिस्सा लेने के लिए फेयरमांट होटल से दो बसों में सवार होकर रवाना हुए थे। लेकिन भारी बारिश के कारण तालाब बन चुकी जयपुर की सड़क पर दोनों बसें फंस गईं, इससे अनेक विधायक समय पर सदन में नहीं पहुंच पाए।

इस वजह से विधानसभा सत्र की कार्यवाही भी दोपहर एक बजे तक के लिए स्थगित कर करनी पड़ी थी। उससे पहले कांग्रेस के विधायकों की एक बस पहले ही होटल से सदन पहुंच चुकी थी, जिसके बाद बीजेपी विधायक भी सदन पहुंचे उसके बाद और विधानसभा का सत्र शुरू हो सका। इससे पहले कांग्रेस की हुई बैठक में गहलोत व पायलट के साथ कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, पार्टी के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे व पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी मौजूद थे।

जिसके बाद कांग्रेस विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री निवास में हुई जिसमें गहलोत, पायलट के साथ साथ कांग्रेस व उनके समर्थक विधायक भी शामिल हुए। शुक्रवार की सबसे महत्वपूर्ण घटना पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात रही। लगभग एक महीने की सियासी खींचतान का एक तरह से पटाक्षेप करते हुए दोनों नेता मुख्यमंत्री निवास में मिले।

विधानसभा में गहलोत सरकार ने विश्वासमत जीता

अशोक गहलोत सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में विश्वास मत जीत लिया। विश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा भाजपा ने सरकार गिराने की साजिश रची थी। इसी के साथ राजस्थान में एक महीने से जारी सियासी नाटक का भी अंत माना जा रहा है।

विधानसभा सत्र के दौरान गहलोत के जवाब के बाद स्पीकर सीपी जोशी ने ध्वनिमत से विश्वास मत पारित कर सदन की कार्यवाही अगले शुक्रवार यानी 21 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी। बहस के दौरान संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि राजस्थान में न तो किसी शाह की चली, न तानाशाह की। दूसरी और कांग्रेस के जवाब में भाजपा भी आज आक्रामक मूड में नजर आई।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया बोले, ‘मैं विश्वास मत प्रस्ताव का विरोध करता हूं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि राजस्थान का जुगाड़ मशहूर है। उस जुगाड़ के लिए जादूगर भी मशहूर हैं। यहां हम आपको बता दें कि गहलोत सरकार के विधानसभा सत्र में अपनी सरकार बचाने के लिए विश्वास मत प्राप्त करने के लिए सियासी गलियारों में निगाहें लगी हुई थी। आज भले ही सरकार गहलोत सरकार ने अपनी सरकार बचा ली है, लेकिन आने वाले दिनों में उनके सामने सरकार चलाने की भी चुनौती कम नहीं होगी। एक और जहां मुख्यमंत्री गहलोत को सचिन पायलट गुट के विधायकों को विश्वास में लेना वहीं तिलमिलाई भाजपा से भी सतर्क रहना होगा।

बारिश के कहर से पूरा जयपुर हुआ अस्त व्यस्त

हम आपको बता दें कि राजस्थान की राजधानी जयपुर में जोरदार बारिश के चलते कई इलाके पानी में डूबे हुए हैं। शहर के कई सड़कों पर गर्दन तक पानी भरा हुआ है। लगातार तेज बारिश में फंसे हुए लोगों को अपने वाहन सड़कों पर छोड़ने पड़े। पानी का बहाव इतना तेज था कि उसमें कारें बहती नजर आईं। प्रशासन सिविल डिफेंस की टीमों के साथ 13 इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहा है।

भारी बारिश के कारण राजधानी की सड़कें तालाब बन गई हैं, सड़क पर खड़ी गाड़ियां डूब गई हैं, वहीं लोगों को आवाजाही में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। दोपहर 3 बजे तक जयपुर में 195 एमएम बारिश दर्ज की गई इससे पहले 8 साल पहले वर्ष 2012 में इतनी रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई थी।

जयपुर के मकानों और दुकानों में पानी भर गया है। भारी बारिश के बाद शहर के कई उफनते नाले सड़कों पर दिखाई दिए। सड़क पर खड़े वाहन बहते दिखे। नाले का पानी कॉलोनियों में पहुंच गया। सरकारी दफ्तरों और अस्पताल के बेसमेंट में भी पानी भर गया है। आफत की बारिश के बीच जयपुर में चट्टान सड़क पर आ गिरी। जयपुर में बिजली व्यवस्था भारी बारिश के कारण पूरी तरह चरमरा गई।

-शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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