आखिर सुंदर पिचाई इस टेक्नोलॉजी पर क्यों चाहते हैं अस्थाई बैन, उठा रहे हैं सवाल

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गूगल के पूरक सीईओ सुंदर पिचाई इन दिनों एक टेक्नोलॉजी का विरोध कर रहे हैं, जिसके वजह से वो आजकल सुर्खियों में भी रहने लगे है. आपको बता दें कि फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नॉलजी को लेकर प्राइवेसी पसंद करने वाला तबका हमेशा से इसके खिलाफ रहा है. इस टेक्नॉलजी के जितने फायदे हैं उससे ज्यादा नुकसान भी हैं.

गौरतलब है कि फेशियल रिकॉग्निशन टेक्लॉजी के तहत आपका फेस डेटा स्टोर किया जाता है. यानी कोई भी कंपनी आपका फेस डेटा स्टोर कर सकती है और इसे गलत मंसूबों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

आपको बता दें कि ऐल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई ने फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नॉलजी के अस्थाई बैन के प्रोपोजल को मान लिया है. आपको बता दें कि ये प्रोपोजल यूरोपियन यूनियन की तरफ से है जिसमें फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नॉलजी पर अस्थाई बैन की बात की गई है.

सुंदर पिचाई ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में फेशियल रिकॉग्निशन के बारे में कहा है, ‘मुझे लगता है कि सरकार और रेग्यूलेशन को इससे जल्दी निपटना चाहिए और इसके बाद इसे लेकर फ्रेमवर्क जारी करना चाहिए.’

हालांकि, उन्होंने ये भी कहा है कि फेशियल रिकॉग्निशन टेक्लॉलजी को कैसे यूज किया जाए इसके बारे में अभी सोचना चाहिए.

जिस तरह से आपके फोन नंबर और ईमेल आईडी पासवर्ड्स एक डेटाबेस में स्टोर होते हैं ठीक उसी तरह आपका फेस डेटा भी कंपनियां स्टोर करना शुरू कर देंगी. ऐसे में हैकर्स के लिए इन्हें टार्गेट करना भी आसान हो जाएगा.

यूजरनेम और पासवर्ड हैक होने के बाद आपके पास इन्हें बदलने का ऑप्शन होता है, लेकिन एक बार आपका फेस डेटा किसी गलत हाथ में गया तो आप इसे चाह कर भी बदल नहीं सकेंगे. फेशियल रिकॉग्निशन को लेकर ये सबसे बड़ा खतरा माना जा रहा है.

सुंदर पिचाई ने ये भी आशंका जताई है कि इस टेक्नॉलजी के गलत मंसूबों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
सुंदर पिचाई ने फाइनांशियल टाइम्स के लिए एक एडिडोरियल लिखा है. इसमें उन्होंने आर्टफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में लिखा है. पिचाई के मुताबिक उन्हें ऐसा बिल्कुल नहीं लगता है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को रेग्यूलेट करना चाहिए. इसे लेकर सिर्फ एक सावल है और वो ये कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को कैसे अपनाया जाए.

यूरोपियन यूनियन दरअसल फेशियल रिकॉग्निशन पर अस्थाई रोक लगाने की तैयारी में है और इसके लिए अभी फ्रेमवर्क तैयार किया जाना बाकी है.

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