यहां कोविड वैक्सीन लगवाने के बाद जीवन साथी की तलाश में जुटे बुजुर्ग, कर रहें ये काम

img

नयी दिल्ली। अमेरिका में अकेले रहने वाले बुजुर्ग कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बाद अब जीवन साथी तलाशने में जुट गए हैं। अब वे खुद काे पूरी तरह से सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। दरअसल, महामारी के चलते पिछले साल ये बुजुर्ग घर में अकेले रहने पर मजबूर थे। तन्हाई के दाैरान उन्हें अहसास हुआ कि जीवन में एक अदद पार्टनर की कितनी जरूरत हाेती है।

Elderly looking for partners

दक्षिण अमेरिका में रहने वाले 60 साल के स्टीफन पास्की ने 4,270 किमी की दूरी तय कर कैलिफाेर्निया में रह रहीं 57 साल की मिस लेंज से 3 अप्रैल काे ब्याह रचाया। अमेरिका में 65 साल के 80% बुजुर्गों को कोरोना वैक्सीन लग चुकी है। अब जबकि हालात सामान्य हो रहे हैं, अकेले रहने वाले बुजुर्ग अपने तनाव को कम करने के लिए जल्द से जल्द जीवन साथी पाना चाहते हैं।

महामारी ने प्यार पाने का फिर एक बार मौका दिया

अमेरिका में इन दिनों डेटिंग साइटों में भी बुजुर्गों की संख्या 15 फीसदी बढ़ी है। 64 साल की टीचर कैथरिन पाॅमर 8 अप्रैल को वैक्सीन का दूसरा डोज लगवा चुकी हैं। वे हर शनिवार को डेटिंग पर मास्क लगाकर जाती हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का भी भरपूर ख्याल रखती हैं। उनका कहना है कि महामारी ने प्यार पाने का फिर एक बार मौका दिया है, तो समय नहीं गंवाना चाहिए। जब आपके पति न हों तो लगता है कि जिंदगी कितनी छोटी हो गई है।

मैं दोबारा ऐसा तनावभरा अहसास नहीं झेल सकती इसलिए जल्द एक साथी की तलाश में लगी हूं। इसी तरह कैलिफोर्निया में रहने वालीं ग्राफिक डिजाइनर मिस लेंज ने कहा- ‘जब लॉकडाउन लगा तो मैं अपने पिता के साथ फिलाडेल्फिया में थी। वे अल्जाइमर की बीमारी से पीड़ित हैं। लौटी तो लगा कि आगे जिंदगी अकेले गुजारना आसान नहीं है। तभी डेटिंग साइट पर मैंने अपनी पसंद का प्रस्ताव देखा। यह स्टीफन पास्की का था। बात बढ़ी और हम एक-दूजे के हो गए। मेरे लिए बोली-भाषा या रंगत कोई मायने नहीं रखती थी। लेकिन स्टीफन मेरे लिए इतनी दूर का सफर तय कर, वह भी अपना सब कुछ छोड़कर साथ निभाने आया, यह मुझे सबसे अच्छा लगा।

कई बुजुर्ग हैं, जो तनहाई नहीं चाहते

82 साल के जिम ब्रॉयन, 63 साल की एन मास समेत कई बुजुर्ग हैं, जो तनहाई नहीं चाहते। कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जेफ गलक का कहना है कि महामारी के दौर में बुजुर्गों ने ही सबसे ज्यादा तनाव और अकेलापन झेला है। लेकिन वैक्सीन लग जाने के बाद वे खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं, उनमें जीने की इच्छा प्रबल हो रही है, ये वाकई अच्छा संदेश है

Related News