देहरादून। वर्ष 2013 में प्राकृतिक आपदा से तबाह होने के बाद अब फिर से चमकनेे वाले बाबा केदारनाथ धाम के धाम आज शीतकाल के लिए बंद हो गए। वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस केदारनाथ यात्रा के ब्रांड एंबेसडर बने, तो इस साल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केदारपुरी पहुंचे। माना जा रहा है कि अयोध्या में भव्य दीपावली के आयोजन के तुरंत बाद योगी का केदारनाथ का रूख करना उत्तराखंड के लिहाज से आने वाले दिनों में बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। लोगों का मानना है कि वर्ष 2021 की केदारनाथ यात्रा के दौरान इसका लाभ मिल सकता है।
इस वर्ष कोविड-19 काल के बावजूद केदारनाथ पहुंचने वाले यात्रियों का आंकड़ा 1.35 लाख के पार निकल गया है। विश्वव्यापी बुरी स्थिति के बीच यह आंकड़ा उत्तराखंड का चेहरा खिलाने वाला है। हालांकि 2019 में ऐसी कोई स्थिति नहीं थी, फिर भी ऐन लोकसभा चुनाव के दौरान जब पूरे देश ही नहीं, दुनिया की निगाहें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिकी हुई थी, तब केदारनाथ में ध्यान गुफा में की गई उनकी साधना ने देश दुनिया का ध्यान केदारनाथ धाम की तरफ खींचा। 2019 में केदारनाथ पहुंचने वाले यात्रियों का आंकड़ा आज तक का सबसे अधिक रहा, जो 10 लाख के पार था।
रुद्रप्रयाग जिलेे के पत्रकार विनय बहुगुणा का मानना है कि मोदी की तरह ही योगी का केदारनाथ आना इस धाम की ब्रांडिंग के लिहाज से महत्वपूर्ण होगा। बड़े नेताओं के आने का यह लाभ होगा कि सुरक्षित उत्तराखंड, सुरक्षित केदारनाथ का संदेश प्रभावी ढंग से आगे बढ़ेगा और अगले वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी। चार धाम यात्रा विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगांई का कहना है कि कोरोना काल के बावजूद जितनी बड़ी संख्या में लोग चार धाम यात्रा में आए हैं, वह बताता है कि उत्तराखंड के प्रति लोगों की कितनी श्रद्धा है। मोदी व योगी की केदारनाथ यात्रा के बाद अब तमाम श्रद्धालु भी यहां आने के लिए प्रेरित होंगे।