माइक्रो ब्लागिंग प्लेटफार्म ट्विटर (Twitter) के लिए भारत भले ही एक बड़ा बाजार हो, लेकिन वह भारत की संप्रभुता का लगातार मजाक बनाता नजर आ रहा है। भारत सरकार के साथ Twitter का सूचना प्रौद्योगिकी कानून के कुछ प्रविधानों को लेकर टकराव जारी है।
वहीं, आज ट्विटर (Twitter) ने अपनी वेबसाइट में भारत का गलत नक्शा दिखाया। इसके बाद इंटरनेट मीडिया में Online विरोध के बीच ट्विटर को अपनी वेबसाइट से भारत का गलत नक्शा हटाना पड़ा, जो जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को एक अलग देश के रूप में दिखाता था।
Twitter के इस भड़काऊ रवैये से भारत में अभी भी भारी रोष है। पहले तो इसे प्लेटफार्म को इस्तेमाल करने वाले भारतीयों ने ही कंपनी को काफी खरी-रोटी सुनाई। ट्विटर को प्रतिबंधित करने (TwitterBan) की मांग भी उठ रही है। वहीं, सरकारी सूत्रों कहना है कि यह देखना होगा कि कोई विदेशी कंपनी कहीं बार-बार जानबूझकर भारत की संप्रभुता को चुनौती देने का काम तो नहीं कर रही है।
भारत ने पिछले वर्ष ट्विटर (Twitter) को साफ तौर पर कहा था कि वह भारत की संप्रभुता के साथ कोई भी समझौता करने वाले कदम नहीं उठाए, उसके बावजूद नए घटनाक्रम से साफ हो गया है कि इस बारे में गलतियों को सुधारने के लिए उसने कोई कदम नहीं उठाया है।
Indian Kanoon के पालन को लेकर भी ट्विटर (Twitter) का रवैया काफी परेशानी वाला रहा है। पहले तो वह आइटी एक्ट का ही पालन नहीं कर रहा था और जब संसदीय समिति के सदस्यों ने उसके प्रतिनिधि से इस बारे में पूछताछ की तो उसका कहना था कि वह अपनी कंपनी की तरफ से तय नियमों को पालन करता है। इस पर सदस्यों ने स्पष्ट कहा था कि ट्विटर को भारत में कारोबार करना है तो भारतीय कानून का पालन करना होगा। भारत में IT-कानून 26 मई, 2021 से लागू है जिसके तहत इंटरनेट मीडिया चलाने वाली हर कंपनी को भारत में कुछ खास अधिकारियों की नियुक्ति करनी है।
Twitter के सिवाय तकरीबन हर प्रमुख कंपनी नियुक्तियां कर चुकी है। शिकायतों की देखने वाले अधिकारी के तौर पर Twitter ने धर्मेंद्र चतुर की नियुक्ति की घोषणा की थी, लेकिन उन्होंने एक हफ्ते के भीतर ही पद छोड़ दिया। अब कैलिफोर्निया के जेरमी केसेल (Jeremy Kessel) को इस पद पर नियुक्त किया गया है, लेकिन यह Indian Kanoon के मुताबिक नहीं है। IT-एक्ट के मुताबिक इस पद पर भारत में निवास करने वाले किसी व्यक्ति की ही नियुक्ति हो सकती है। वैसे कंपनी के स्तर पर हो रही हीला-हवाली पर सूचना प्रौद्योगिकी और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने चेतावनी भी दी थी। लेकिन पिछले हफ्ते ट्विटर ने प्रसाद के अकाउंट को ही कुछ समय के लिए प्रतिबंधित कर दिया था।