NDA से अलग होने के बाद शिवसेना ने मोदी सरकार के खिलाफ बोली ये बड़ी बात, कहा- देना है तो उन्हें दो लेकिन…

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नई दिल्ली॥ होम मिनिस्टर अमित शाह आज लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश करेंगे। इस बिल के पारित होते ही छह दशक पुराना नागरिकता कानून-1955 बदल जाएगा और तीन पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानस्तिान से आने वाले गैरमुस्लिम शरणार्थियों को हिंदुस्तानीय नागरिकता देने की प्रक्रिया बेहद सहज हो जाएगी।

सरकार की योजना सोमवार को लोकसभा में ये बिल पारित कराने के बाद मंगलवार को राज्यसभा में भी इस पर मंजूरी की मुहर लगवा लेने की है। एकतरफ जहां पूरा विपक्ष इस बिल का विरोध करने की तैयारी किए बैठा है, वहीं केंद्र की राजग सरकार का नेतृत्व कर रही BJP को अपने कई साथी दलों को भी इस बिल पर समर्थन के लिए साधने की चुनौती का सामना करना होगा।

बिल के प्रावधानों पर मचे सियासी महाहिंदुस्तान के बीच BJP, कांग्रेस, टीएमसी समेत कई दलों ने अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी कर दिया है। केंद्र सरकार के सहयोगी जदयू ने बिल का विरोध किया है, लेकिन हाल ही में राजग से नाता तोडऩे वाली शिवसेना के बिल का समर्थन करने के रुख से सरकार के लिए शायद ही लोकसभा में कोई परेशानी खड़ी होगी। सोमवार के लिए जारी लोकसभा की कार्यसूची के हिसाब से शाह ये बिल दोपहर बाद पेश करेंगे और इसके बाद तत्काल ही इस पर चर्चा की जाएगी।

शिवसेना ने कहा कि नागरिकता जिन्हें दी जाएगी उन्हें वोट बैंक का अधिकार नहीं दिया जाए। शिवसेना नेता संजय राउत ने सामना के जरिए लिखा कि यह सच है कि हिंदुओं के पास हिंदुस्तान के अलावा कोई दूसरा राष्ट्र नहीं है। दूसरे देशों में हिंदुओं पर अत्याचार निरंतर जारी है। हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था गिरती जा रही है और सरकार नागरिकता मुद्दा उठाकर दूसरे देश के लोगों को हिंदुस्तान की नागरिकता दे रही है।

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