डैरेन सैमी के इस बयान के बाद लोग उन्हें ट्रॉल कर रहे हैं, जबकि ICC ने इस पर चुप्पी साध रखी है

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न्यूयॉर्क॥ यूएसए में पुलिसकर्मी की हिरासत में काले जार्ज फ्लायड की मौत के बाद पूरे विश्व में नस्लभेद के विरूद्ध आंदोलन चल रहा है। इस आंदोलन का समर्थन दुनिया भर के काले खिलाड़ी कर रहे हैं। इनमें वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान डैरेन सैमी भी शामिल थे।

Darren Sammy

वह रंगभेद को लेकर बहुत आवश्यक सवाल उठा रहे हैं, लेकिन अतिउत्साह में उन्होंने ICC पर भी सवाल उठा दिया है। इसके बाद से वह आलोचना करने वालों के निशाने पर हैं। वेस्टइंडीज को दो टी-20 वर्ल्डकप जिताने वाले पूर्व कप्तान डैरेन सैमी ने नस्लभेद का ताजा आरोप ICC पर लगाया है। उन्होंने कहा कि अश्वेत टीमों और खिलाड़ियों की सफलता रोकने के लिए ICC ने नो बॉल का नियम बनाया है।

आपको बता दें ICC ने पहली बार 1991 में एक ओवर में एक बाउंसर फेंकने का नियम बनाया था। 1994 में फिर एक ओवर में 2 बाउंसर कर दिया। इसके बाद 2001 में प्रति ओवर 1 बाउंसर किया और इसके 11 साल बाद फिर से ओवर में 2 बाउंसर फेंकने की अनुमति दे दी।

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वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान ने अपने इंटरव्यू में कहा कि जेफ थॉमसन और डेनिस लिली ने बाउंसर से बल्लेबाजों को खूब परेशान किया था। इसके बाद काली टीम ने अपनी रफ्तार और बाउंसर के जरिए बहुत सफलता हासिल की। इसके बाद काली टीमों की सफलता सीमित हो गई। बता दें कि 70-80 के दशक में वेस्टइंडीज टीम के फॉस्ट बॉलर्स की तूती बोलती थी। इनके दम पर वेस्टइंडीज ने पूरे विश्व में अपनी बादशाहत कायम की थी।

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