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वेस्टइंडीज के विरूद्ध टीम इंडिया ने तीसरा टी ट्वेंटी मुकाबला जीत लिया लेकिन यहां पर कप्तान हार्दिक पांड्या पर कई सारे सवालों की बौछार हो गई है। कप्तान हार्दिक पांड्या को सेल्फिश कहा गया और यह भी कहा गया कि युवा तिलक वर्मा के साथ कप्तान ने नाइंसाफी कर दी।

हार्दिक पांड्या कभी भी धोनी और सौरभ गांगुली जैसे कप्तान नहीं बन सकते। हार्दिक पांड्या कभी विराट कोहली जैसे बल्लेबाज नहीं बन सकते। यह सब इसलिए हुआ क्योंकि तिलक वर्मा की हाफ सेंचुरी रह गई। अगर आपने मैच नहीं देखा और आपने अगर 18 ओवर नहीं देखा तो आपको बताते हैं कि हार्दिक पांड्या ने ऐसा किया क्या। दरअसल मुकाबला टीम इंडिया जीतने वाली थी।

18वां ओवर शुरू हो रहा था और सिर्फ छह रन चाहिए थे। तिलक वर्मा 47 रन पर खेल रहे थे। उसके बाद सिंगल डबल का दौर जो है वह शुरू हो गया। सिंगल डबल करते करते तिलक वर्मा आ गए 49 रन पर। यानी कि एक रन दूर अपनी हाफ सेंचुरी से। लेकिन यहां पर दो रन चाहिए थे। जीत के लिए। हार्दिक पांड्या तब सिंगल नहीं दिया दे सकते। हार्दिक पांड्या एक सिंगल  से तिलक वर्मा की एक हाफ सेंचुरी बनवा सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं किया।

सेल्फिश पांड्या ने छक्का लगाकर मैच खत्म कर दिया और सारी वाहवाही लूट ली। जिसके बाद सोशल मीडिया गर्म हो गया। सोशल मीडिया पर यहां तक कहा गया कि हार्दिक पांड्या तो एक सेल्फिश कप्तान है। 

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