नहीं खुलेंगे स्कूल, कोरोना नहीं बल्कि इस समस्या के चलते लिया गया ये बड़ा फैसला

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काठमांडू॥ नेपाल में वायु प्रदूषण (air pollution) खतरनाक स्तर पर पहुंचने के कारण चार दिनों के लिए स्कूलों को बन्द कर दिया गया है। इससे लाखों बच्चें घर पर रहकर पढ़ाई करने के लिए मजबूर हैं। 30 मिलियन का आबादी वाला ये देश चीन और भारत के मध्य में मौजूद है और विश्व के सर्वाधिक प्रदूषित देशों में से एक है।

school offनेपाल की राजधानी काठमांडू में वायु प्रदूषण एक प्रमुख समस्य़ा है और दूसरी ओर कोविड-19 से निपटना सरकार के लिए सिरदर्द बन गया है। सरकारी अधिकारी शंकर पॉडेल ने बताया कि इस हफ्ते के अंत में प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक बढ़ गया है और यह साल 2016 के बाद से सबसे ज्यादा दर्ज हुआ है।

शिक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता दीपक शर्मा ने बताया कि स्कूलों के बंद होने के कारण 8 मिलियन बच्चे प्रभावित हुए हैं। खराब हवा होने के कारण हवा की गुणवत्ता में गिरावट आई है। पुराने वाहनों में से धूल, कोय़ले की खदानों में से निकलने वाला धुआं खराब हवा होने का प्रमुख कारण है। इससे लोगों में कैंसर, दमा और रक्तचाप का खतरा बढ़ गया है।

राजधानी में स्थित एक अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि इससे कोरोना होने का खतरा भा बढ़ गय़ा है। ग्रोसरी स्टोर पर काम करने वाले अर्जुन खाडका बताते हैं कि प्रदूषण के कारण उनकी आंख और नाक में जलन हो रही है। उन्होंने बताया कि उनकी समझ में इससे पहले काठमांडू में प्रदूषण का स्तर कभी नहीं बढ़ा। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि लोगों को इमरजेंसी के अलावा घरों से बाहर नहीं निकलना चाहिए। नेपाल की राजधानी में स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में तैनात एक अधिकारी ने बताया कि खराब दृष्य़ता के कारण कई उड़ानें भी रद्द हुई हैं।

 

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