Akhilesh Yadav : SP chief अखिलेश यादव के सामने एक और ये बड़ी चुनौती, किसे देंगे इस जिले का ‘सिंहासन’? लिस्ट में हैं ये नाम

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आजमगढ़: अखिलेश यादव के सामने एक और समस्या आ खड़ी हो गयी है आजमगढ़ में एक और चुनौती आ गई है। बतादें कि आजमगढ़ में जिला अध्यक्ष पद के लिए एक बार फिर 20 से अधिक लोग दावेदारी करते दिख रहे हैं। पिछली बार भी ऐसा ही हुआ था। अध्यक्ष की कुर्सी के लिए ऐसी घमासान मची कि पुराने अध्यक्ष को ही एक और कार्यकाल देना पड़ गया था।

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लोकसभा उपचुनाव में मिली करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष Akhilesh Yadav ने सभी इकाइयों को भंग कर नई इकाई के गठन की कवायद शुरू की है, मगर उनके लिए आजमगढ़ में नए जिलाध्यक्ष का चुनाव आसान नहीं होगा।

कारण कि एक बार फिर 20 से अधिक लोग अध्यक्ष पद की दावेदारी करते दिख रहे हैं। पिछली बार भी ऐसा ही हुआ था। अध्यक्ष की कुर्सी के लिए ऐसी घमासान मची कि पुराने अध्यक्ष को ही एक और कार्यकाल देना पड़ गया था।

समाजवादी पार्टी में गुटाबाजी किसी से छिपी नहीं है। SP की वर्तमान परिस्थिति पर गौर करें तो निवर्तमान जिलाध्यक्ष हवलदार यादव कभी पूर्व मंत्री बलराम यादव के शिष्य हुआ करते थे लेकिन आज दोनों के बीच छत्तीस का आंकड़ा है। रमाकांत यादव भी सपा में शामिल होकर विधायक बन गए हैं।

बीजेपी में रहते हुए रमाकांत यादव ने प्रमोद यादव के साथ मिलकर हवलदार की बहू मीरा यादव को जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी से हटाने की कोशिश की थी। वहीं प्रमोद का चाचा दुर्गा यादव से छत्तीस का आंकड़ा रह चूका है। जबकि राजनीति का ककहरा उन्होंने दुर्गा से ही सीखा है।

पार्टी कई खेमों में बटी हुई है। वर्ष 2019 में हार के बाद जब समाजवादी पार्टी ने सभी इकाइयां भंग की तो सभी गुटों ने अपने खास को अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाने की कोशिश की थी। इसलिए पिछली बार भी करीब 20 लोगों ने अध्यक्ष पद के लिए आवेदन किया था।

हालत यह रही कि आजमगढ़ से सांसद होत हुए भी अखिलेश यादव महीनों तक कोई निर्णय नहीं ले पाए थे। पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद उन्होंने हवलदार यादव को ही दोबारा कमान सौंप दी थी। अब धर्मेंद्र यादव की हार के बाद सभी इकाइयां भंग कर दी गई हैं। एक बार फिर अध्यक्ष का चुनाव होना है।

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