मायावती को लेकर न्यायालय के आदेश के बाद अखिलेश यादव ने दिया ये बयान, कहा…

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लखनऊ ।। यूपी के पूर्व सीएम एवं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने BSP सुप्रीमो मायावती और उनकी पार्टी BSP के चुनाव चिह्न हाथी की मूर्तियां लगवाने पर आया खर्च सरकारी खजाने को लौटाने संबंधी सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से दूरी बनाते हुए शुक्रवार को कहा कि BSP नेता के वकील अदालत में अपना पक्ष जरूर रखेंगे।

अखिलेश ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा है, अभी इसकी पूरी जानकारी नहीं है। ‘मैं समझता हूं कि BSP नेता के वकील अपना पक्ष रखेंगे। यह कोई शुरुआती टिप्पणी हो सकती है मेरी जानकारी में अभी नहीं है।’

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अखिलेश से हाई कोर्ट की शुक्रवार को की गयी उस टिप्पणी के बारे में सवाल किया गया था जिसमें उसने कहा है ‘हमारा ऐसा विचार है कि मायावती को अपनी और अपनी पार्टी के चुनाव चिह्न की मूर्तियां बनवाने पर खर्च हुआ सार्वजनिक धन सरकारी खजाने में वापस जमा करना होगा।’ प्रधान Justice रंजन गोगोई, Justice दीपक गुप्ता और Justice संजीव खन्ना की पीठ ने एक वकील की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की।

आपको बता दें कि साल 2012 में अपने शासनकाल में मायावती की क्षतिग्रस्त मूर्ति को बदलवाने के एक सवाल पर पूर्व सीएम ने कहा ”हमें उन्हें सम्मान देना था, इसीलिये दूसरी मूर्ति लगवायी थी। यह क्या बात हुई। सम्मान देना समाजवादियों का काम है। समाजवादी इसी रास्ते पर चलेंगे।” उन्होंने एक अन्य सवाल पर कहा कि SP-BSP का गठबंधन जनता का गठबंधन है। एक-दूसरे के सम्मान का गठबंधन है, इसलिए ये चलेगा।

फोटो- फाइल

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