उत्तर प्रदेश॥ कोरोना के तेजी से बढ़ रहे संक्रमण के मद्देनजर नीट-जेईई परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर समाजवादी छात्र सभा के प्रदर्शन पर पुलिस लाठीचार्ज की अखिलेश यादवन ने ‘खूनी हमला’ करार दिया है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि कोरोनाकाल में परीक्षा कराने के विरोध में सड़कों पर उतरे सपा के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज नहीं ‘खूनी हमला’ हुआ है। उन्होंने कहा कि आज बाल-बच्चों वाला हर परिवार चिंतित है। सबका साथ का दावा करने वाले अकेले लोगों की मनमानी कब तक चलेगी।
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने लाठीचार्ज पर सवाल उठाते हुए कहा कि शांतिमय तरीके से प्रदर्शन करने जा रहे समाजवादी छात्र सभा के लड़कों पर बीच रास्ते में ही लाठी चार्ज क्यों? क्या हम तानाशाही में जी रहे हैं? प्रदर्शन की स्वतंत्रता हमारा मौलिक अधिकार है। दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही हो।
दरअसल जेईइ और नीट की परीक्षा रद कराने के लिए सोमवार को समाजवादी छात्र सभा के छात्रों ने एक बार फिर राजभवन पर जमकर धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस कर्मियों ने राजभवन के सामने से समाजवादी छात्र सभा के छात्रों को हटाने का प्रयास किया। इस पर उनकी पुलिस से हल्की नोकझोंक भी हुई।
कार्यकर्ता सड़क पर बैठ गए और यातायात जाम कर दिया। इस पर पुलिस ने उन्हें वहां से जाने को कहा। लेकिन, कार्यकर्ता नहीं माने और सड़क पर लेट गए। इस पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया और छात्र सभा के कई कार्यकताओं को हिरासत में लेकर हटाया।
डीसीपी सेंट्रल सोमन बर्मा के मुताबिक समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा गया कि धारा 144 लागू है इसका उल्लंघन न करें। लेकिन, वह नहीं माने। इसके बाद पुलिस ने 50 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया, वर्तमान में स्थिति सामान्य है। सपा इससे पहले भी विगत शुक्रवार को राजभवन के बाहर प्रदर्शन कर चुकी है।