Akhilesh Yadav की सपा नेताओं पर सख्ती, दी ऐसी चेतावनी, अगर करोगे ये काम, तो पार्टी से बाहर

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लखनऊ, 21 अप्रैल। उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों यह सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है ‎कि समाजवादी पार्टी (सपा) में चली बगावत की आंधी पार्टी को किस हद तक नुकसान पहुंचाएगी? एक तरफ शिवपाल यादव बगावत का बिगुल फूंक चुके हैं तो दूसरी तरफ आजम खान का परिवार भी अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से नाराज है।

Akhilesh Yadav

इस बीच अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने एक तरफ शिवपाल यादव को इशारों में भाजपा का करीबी बताते हुए चले जाने को कह दिया तो दूसरी तरफ आजम खान को मनाने की कोशिश शुरू कर दी है। शिवपाल के भाजपा संग जाने की अटकलों के बीच अखिलेश यादव ने परोक्ष रूप से स्वीकार किया है कि चाचा अब विरोधी दल के संपर्क में हैं और साफ कर दिया कि ऐसे लोग सपा के साथ नहीं रहेंगे।

हाल ही में आगरा में शिवपाल यादव को लेकर किए गए सवाल पर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने दो टूक कहा कि जो भाजपा से मिलेगा, वह सपा में नहीं दिखेगा। माना जा रहा है कि शिवपाल यादव अपने अगले कदम का खुलासा कर सकते हैं। पिछले कुछ दिनों से आजम खान का खेमा भी अखिलेश यादव से खुलकर नाराजगी जाहिर कर रहा है।

वहीँ आजम के समर्थन में मुस्लिम नेताओं के ताबड़तोड़ इस्तीफों के बीच सपा गठबंधन के साथी और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी आजम खान के घर पहुंचे। अटकलें हैं कि जयंत अखिलेश (Akhilesh Yadav) के दूत के रूप में आजम के घर पहुंचे थे और मुस्लिम नेता को मनाने की कोशिश की जा रही है।

हालांकि, अखिलेश (Akhilesh Yadav) ने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने जयंत को भेजा है लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है जयंत अखिलेश की मर्जी के बिना आजम के घर नहीं गए। बताया जा रहा है कि इन दिनों जयंत के साथ दिखने वाले भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर बुधवार को आजम खान से जेल में मुलाकात करने वाले थे, लेकिन तबीयत ठीक नहीं होने की वजह से उन्हें इसे टालना पड़ा। वह अगले सप्ताह आजम से मिलकर अखिलेश का संदेश उन तक पहुंचाएंगे।

राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, अखिलेश (Akhilesh Yadav) चाचा शिवपाल के अलगाव को मंजूर कर चुके हैं। वह चाचा को साथ रखने के लिए कोई भी कुर्बानी देने को तैयार नहीं है। इस बात को काफी हद तक उन्होंने चुनाव में उसी समय साफ कर दिया था जब शिवपाल को महज एक सीट दी थी और सपा के सिंबल पर ही लड़ने को मजबूर किया।

आपको बता दें कि दूसरी तरफ, अखिलेश (Akhilesh Yadav) इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि आजम खान के अलगाव से पार्टी को काफी नुकसान हो सकता है, इसलिए उन्हें मनाने की कोशिशें शुरू कर दी गई हैं। हालांकि, अखिलेश प्रत्यक्ष तौर पर इसे स्वीकार करने से बच रहे हैं।

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