रामपुर सीट बचाने के लिए अखिलेश यादव ने बनाया ये रणनीति, दांव पर लगी BJP की प्रतिष्ठा

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रामपुर ।। उत्तर प्रदेश की 11 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए 21 अक्तूबर को मतदान होंगे। इन सीटों में रामपुर की हाईप्रोफ़ाइल सीट भी शामिल है। जिस पर सत्ता पर विराजमान BJP और सपा के बीच कड़ी टक्कर की उम्मीद जतायी जा रही है। इस सीट से सपा के कद्दावर नेता आज़म खान नौ बार विधायक रहे हैं।

वहीं, आज़म खान के सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई है। सपा के अभेद्य किला कहे जाने वाली सीट को जीतने के लिए BJP संगठन और सरकार दोनों ने पूरी ताकत लगा दी है।

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BJP के नेता इन दिनों रामपुर में ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं। गुरुवार को गुरुवार को जहां BJP प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने BJP प्रत्याशी भरत भूषण के समर्थन में सभाएं की तो वहीं 18 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी खुद मैदन में उतर रहे हैं। वहीं, अपने किले को बचाने में जुटी सपा आजम खान के विरूद्ध जिला प्रशासन की कार्रवाई को लेकर लोगों की सहानुभूति को चुनाव में BJP के विरूद्ध हथियार बनाएगी।

BJP के लिए रामपुर की सीट प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है। लोकसभा चुनाव में हार का बदला लेने के लिए उसने पूरी ताकत झोंक रखी है और इस चुनाव को जीतकर आजम के विरूद्ध दर्ज हुए केस को जनता का समर्थन साबित करने की भी कोशिश है। लेकिन सपा ने सहानुभूति का दांव चलते हुए आजम खान की पत्नी तजीन फात्मा को मैदान में उतारकर मुकाबला दिलचस्प बना दिया है।

बता दें कि मुस्लिम बाहुल रामपुर सीट पर आज़म खान का हमेशा से ही दबदबा रहा है। इस विधानसभा सीट पर 390725 मतदाता हैं। इनमें 211536 पुरुष और 179158 महिलाएं शामिल हैं। 2017 में हुए विधानसभा उपचुनाव में सपा के आजम खान विजयी रहे थे।

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