यूपी में अखिलेश का लैपटाप, बिहार में तेजस्वी की नौकरियां कर रही है कमाल

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यूपी के चुनाव में जो काम अखिलेश यादप के लिए लैपटाप योजना के एलान ने किया था। ठीक वैसा ही माहौल पड़ोसी राज्य बिहार में देखने को मिल रहा है पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के नौकरियों वाले एलान से।

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तेजस्वी यादव ने बिहार की जनता से वादा किया है कि अगर राज्य में उनकी सरकार बनती है तो वे 10 लाख नौकरियां देंगे। उनका यह वादा विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी की चुनावी रैलियों में भीड़ खींचने में कामयाब रहा।

राजद उम्मीदवारों के प्रचार के लिए तेजस्वी जहां भी जा रहे हैं वहां उम्मीद से ज्यादा भीड़ पहुंच रही है। तेजस्वी कमाल का भाषण दे रहे हैं। उनके 40 मिनट के भाषण में मोदी सरकार का रिपोट कार्ड, नीतिश कुमार, सुशील मोदी, लालू पर अत्याचार, कोरोना काल में पैदल लौटे मजदूरों की व्यथा के साथ नये बिहार का वादा है।

हद तो यह हो गयी है कि भीड़ को संभालने में पुलिस के भी पीसने छूट रहे हैं। लोग बैरिकेड्स को तोड़ कर आगे बढ़ा रहे है।

बिहार के रहने वाले रमेश सागर ने कहा, कि “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ काम करने वाले विरोधी लहर को लेकर कोई संदेह नहीं है, क्योंकि वह कुछ प्रमुख मुद्दों जैसे कि मुद्रास्फीति, नौकरियों का सृजन, प्रवासन, आदि का ध्यान रखने में असमर्थ रहे हैं। उनकी कुछ त्रुटिपूर्ण नीतियों के कारण गरीब और गरीब हो गए हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “दूसरी ओर लालू प्रसाद जैसे राजनेता हैं, जो अपने समाजवादी तरीकों और समानता की वकालत करने के लिए जाने जाते हैं। इसलिए लोग उनके विकल्प के तौर पर उनके बेटे तेजस्वी यादव को देख रहे हैं।”

मसौढ़ी निवासी रोशन पासवान ने कहा कि बिहार के लोगों ने नीतीश कुमार की नेतृत्व के तौर-तरीकों में विश्वास खो दिया है। उन्होंने कहा, “उन्होंने भाजपा का विरोध करके वोट एकत्र किया था, लेकिन बाद में अपने निहित स्वार्थों के लिए उसी पार्टी के साथ हाथ मिलाया। उन्होंने जनादेश को अलग रखा था। बिहार के लोग इन घटनाओं से अवगत हैं, बिहार के लोगों के लिए वह (नीतीश) अब भरोसेमंद व्यक्ति नहीं हैं।”

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