इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मशहूर कार कम्पनी की प्राथमिकी रद्द करने वाली याचिका खारिज की, दी बड़ी राहत

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प्रयागराज, 06 अक्टूबर यूपी किरण। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज आडी ब्रान्ड की कारों में चीट डिवाइस लगाकर धोखाधड़ी करने के मामले में दर्ज प्राथमिकी के खिलाफ याचिका खारिज कर दिया। परन्तु याची को राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
कोर्ट ने कहा कि याची विवेचना में पुलिस का सहयोग करेगा और उसकी गिरफ्तारी पर रोक दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 173 (2) में दाखिल पुलिस रिपोर्ट तक लगी रहेगी। यह आदेश जस्टिस बी अमित स्थालेकर व जस्टिस शेखर कुमार यादव की खंडपीठ ने स्कोडा आटो वोल्सवेगन इडिया प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने याचिका में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग अस्वीकार कर याचिका खारिज कर दी है। परन्तु याची को राहत देते हुए पुलिस रिपोर्ट दाखिल होने तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
मामले के अनुसार याची कम्पनी मालिक के खिलाफ 10 जुलाई 2020 को प्राथमिकी आईपीसी की धारा 34, 471, 467, 468, 419, 420 व 406 के अन्तर्गत थाना नोएडा सेक्टर 20 गौतमबुद्ध नगर में दर्ज कराई गई है। शिकायतकर्ता का कहना है कि उसने कम्पनी के अधिकारिक एजेन्ट के मार्फत 7 आडी ब्रान्ड की कार करोड़ों रुपये में खरीदी। उसे बताया गया कि कम्पनी ने इन गाड़ियों में  कोई चीट डिवाइस नहीं लगाई है। बाद में एनजीटी के आदेश 7 मार्च 19 से पता चला कि याची कम्पनी ने इन गाड़ियों में चीट डिवाइस लगा रखा है और इस कारण बहुत कम उत्सर्जन (एमिशन) है। ट्रिब्यूनल ने इस धोखाधड़ी के लिए याची पर 500 करोड़ का क्षतिपूर्ति व मुआवजा का आदेश दिया, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा रखी है।

 

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