अमेरिका ने कश्मीर मामले पर फिर से दिया चौंकाने वाला सबसे बड़ा बयान, मचा हड़कंप

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नई दिल्ली ।। अमेरिका के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मोर्गन ओर्टागस ने राजनेताओं की नजरबंदी और कश्मीर में प्रतिबंधों में ढील देने का आग्रह किया है। मोर्गन ने नजरबंदी और घाटी के कुछ हिस्सों में मोबाइल और इंटरनेट सेवा बंद किए जाने पर चिंता व्यक्त की है।

मोर्गन ओर्टागस ने कहा कि हम आग्रह करते हैं कि कश्मीर मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द किए एक महीना बीत चुका है। केंद्र सरकार की ओर से 5 अगस्त को लिया ये फैसला घाटी के लोगों के लिए झटके जैसा था। जहां फैसले के आलोचक नाराज हैं वहीं समर्थक कुछ भी कहने में चौकसी बरत रहे हैं।

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट 16 सितंबर को जम्मू-कश्मीर में आवाजाही की छूट सहित विभिन्न याचिकाओं के एक समूह पर सुनवाई करेगा। शीर्ष अदालत ने याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह फैसला लिया।

एक अखबार की संपादक के वकील ने पीठ से कहा कि मीडिया को बीते एक महीने से कार्य करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। इस पीठ की अध्यक्षता प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई कर रहे थे। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसका विरोध किया।

उन्होंने कहा कि श्रीनगर से अखबार प्रकाशित किए जा रहे हैं। कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला के वकील ने कहा कि लोग स्वतंत्र रूप से यात्रा करने में असमर्थ है, उन्हें उनके मूल अधिकार से वंचित किया जा रहा है और उनकी पहुंच अस्पताल तक नहीं है।

फोटो- फाइल

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