प्रेसिडेंट इलेक्शनों से ठीक एक महीने पहले डॉनाल्ड ट्रम्प तथा फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रम्प की कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई। इसके साथ ही अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने न्यूक्लियर डूम्स डे प्लेन लांच कर दिया।
ये वो हालात है, जब कोई भी प्रेसिडेंट से सम्पर्क नहीं कर सकता और देश की सुरक्षा के लिए ये प्लान लांच किया जाता है, जो एक तरह से चेतावनी है कि यदि कोई भी यूएसए की सुरक्षा से छेड़छाड़ करे तो उसे परमाणु हमला झेलना होगा। वैसे ट्रम्प का कोरोना कई बड़े बदलाव ला सकता है।
सबसे पहले तो प्रेसिडेंट की हालत के बारे में जानते हैं। ट्रम्प के फिजिशियन सीन पी कोनली के अनुसार फिलहाल उनकी सेहत को लेकर चिन्ता की बात नहीं। बता दें कि 74 साल के ट्रम्प वैसे तो उम्र के उस दायरे में हैं, जो कोरोना के लिए ठीक नहीं माना जा रहा है। इसके अलावा सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक 6 फीट, 3 इंच कद वाले ट्रम्प मोटापे से भी ग्रस्त हैं। कोरोना का ट्रेंड बताता है कि मोटापे के शिकार मरीजों का कोरोना संक्रमण तिगुना गंभीर हो सकता है।
विश्व सबसे खतरनाक देशों शुमार अमेरिका के सबसे अहम पद पर बैठे ट्रम्प का बीमार होना कई स्थानों पर असर डाल सकता है। रक्षा मंत्रालय का न्यूक्लियर डूम्स डे प्लेन लाना यही बताता है। इसके अंतर्गत माना जाता है कि अगर कोई देश प्रेसिडेंट के बीमार होने का फायदा उठाकर देश पर हमला करने को सोचे तो उसका भरपूर मुकाबला करना है। यही वजह है कि दुश्मनों को चेताने के लिए पहले से ही प्लेन लॉन्च हो जाता है।
इसके चलते यूएसए के आसमान में दो E-6B Mercury प्लेन निरंतर देश के दोनों छोरों पर गश्त लगा रहे हैं। ये नजर रखने का कार्य कर रहे हैं। अगर अमेरिका पर हमला होता है तो ये विमान बैलिस्टिक-मिसाइल पनडुब्बियों से संपर्क करेंगे और यही पनडुब्बियां दुश्मन मुल्क को परमाणु बमों से जवाब देंगी।