हिंदुस्तान और चीन के मध्य बॉर्डर तनाव में अमेरिका ने एक बड़ा खुलासा किया है। एक उच्च अमेरिकी सैन्य कमांडर ने कांग्रेस की सुनवाई में सांसदों को बताया कि चीन ने अभी भी कई फोरवर्ड पोस्ट से अपने सैनिकों को पीछे नहीं हटाया है, जिसपर उसने LAC पर हिंदुस्तानी बलों के साथ संघर्ष के दौरान कब्जाया था।
एडमिरल फिलिप एस. डेविडसन अमेरिकी आर्मी के इंडो-पैसिफिक कमांड की कमान संभालते हैं, उन्होंने सांसदों को बताया कि अमेरिका ने हिंदुस्तान को सीमा-विवाद पर सूचना, ठंड के मौसम के कपड़े और अन्य उपकरण प्रदान करके सहायता की थी।
एडमिरल ने uSA में सीनेट की सुनवाई के दौरान तैयार टिप्पणी में कहा, “पीएलए ने अभी तक संघर्ष के बाद कब्जाए कई फोरवर्ड पोस्टों से सैनिकों को वापस नहीं लिया है और चीन व हिंदुस्तान के बीच तनाव के परिणामस्वरूप दोनों पक्षों के सैनिक हताहत हुए।”
चीनी और हिंदुस्तानीय सशस्त्र बलों ने लद्दाख में पैंगोंग त्सो के आसपास विवादित सीमा के कुछ हिस्सों से अपने-अपने सैनिकों को वापस ले लिया। अमेरिकी कमांडर ने LAC पर चीनी आक्रमण को बीजिंग की विस्तारवादी क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं” की अभिव्यक्ति के रूप में वर्णित किया। उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर सैना को जुटना जो ऊंचाई, इलाके और दूरी को ध्यान में रखते हुए विशेष रूप से उल्लेखनीय है। चीन तेजी से नतीजों को प्राप्त करने के लिए बल का इस्तेमाल करेगा।
डेविडसन ने कहा कि चीन के साथ सीमा संघर्ष ने उनकी (हिंदुस्तान की) आंखें खोल दी हैं कि दूसरों के साथ सहयोगात्मक प्रयास का मतलब उनकी अपनी रक्षात्मक जरूरतों के लिए हो सकता है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि आप बहुत निकट अवधि में हिंदुस्तान को क्वाड के साथ गहरा से रिश्ते जोड़ते हुए देखेंगे और मुझे लगता है कि यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक अवसर है।
डेविडसन ने हाल के सालों में दोनों देशों द्वारा तीन मूलभूत समझौतों को महत्वपू्र्ण बताया, जिसमें सैन्य सहयोग में वृद्धि, अमेरिका से हिंदुस्तान द्वारा बढ़ती रक्षा खरीद और संयुक्त अभ्यास शामिल हैं। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि अमेरिका एक रणनीतिक अनिवार्यता के रूप में हिंदुस्तान के साथ सुरक्षा संबंधों को परिभाषित करता है।