विरोध के बीच जम्मू कश्मीर में लागू हुआ ये एक्ट, पाकिस्तान को भी लगी मिर्ची

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भारत में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. आपको बता दें कि इसी बीच कोरोना संकट के बीच मंगलवार को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में नया डोमिसाइल ऐक्ट लागू हो गया। सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन आदेश 2020 में सेक्शन 3ए जोड़ा गया है।

वहीं ज्ञात हो कि  इसके तहत राज्य/यूटी के निवासी होने की परिभाषा तय की गई है। नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी जैसी राज्य की विपक्षी पार्टियां तो इस ऐक्ट का विरोध कर ही रही हैं, गौरतलब है कि अब इस एक्ट को लेकर  पाकिस्तान से भी इस ऐक्ट के खिलाफ विरोध के सुर उभरने लगे हैं।

बता दें कि नए डोमिसाइल नियमों के मुताबिक, कोई व्यक्ति जो जम्मू-कश्मीर में कम से कम 15 साल रहा है और 10वीं या 12वीं का एग्जाम यहां के किसी संस्थान से पास कर चुका है, तो वह जम्मू-कश्मीर का निवासी कहलाने का हकदार होगा।जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने नए डोमिसाइल सर्टिफिकेट (प्रोसीजर) रूल्स 2020 को लागू कर दिया है।

इसी के साथ प्रदेश में स्थानीय नागरिक प्रमाण पत्र (पीआरसी) की जगह डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी करने के लिए 15 दिन का समय निर्धारित किया गया है। पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थी, सफाई कर्मचारी और दूसरे राज्यों में शादी करने वाली महिलाओं के बच्चे भी अब डोमिसाइल के हकदार होंगे। इन सभी के लिए 15 वर्ष तक प्रदेश में रहने समेत अन्य श्रेणी की अनिवार्यता के नियम लागू होंगे।

बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर में डोमिसाइल के नए नियमों को अधिसूचित किए जाने का स्वागत किया। बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि ये नए नियम सभी शरणार्थियों के साथ राज्य से बाहर रह रहे कश्मीरी पंडितों को भी उनके अधिकार दिलाएगा। जम्मू-कश्मीर प्रशासन की तरफ से सोमवार को जारी नए नियमों के तहत पश्चिम पाकिस्तान के लोगों, बाल्मीकियों, समुदाय के बाहर शादी करने वाली महिलाओं, गैर-पंजीकृत कश्मीरी प्रवासियों और विस्थापित लोगों को जल्द ही आवास अधिकार मिल जाएंगे।

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