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Up Kiran, Digital Desk: देश की सामरिक और आर्थिक स्थिति को मज़बूत करने के लिए केंद्र सरकार ने एक बहुत ही अहम फ़ैसला लिया है. पंजाब में 'फ़िरोज़पुर-पट्टी रेलवे लिंक' परियोजना को आखिरकार मंजूरी मिल गई है. यह सिर्फ एक नई रेलवे लाइन नहीं, बल्कि सुरक्षा के नज़रिए से एक बड़ा कदम और पंजाब के विकास में एक मील का पत्थर साबित होने वाला है.

क्यों ख़ास है यह रेलवे लिंक?

इस फ़िरोज़पुर-पट्टी रेलवे लिंक परियोजना की बात करें तो ये रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है. सबसे बड़ी बात तो ये कि यह लिंक अंतरराष्ट्रीय सीमा यानी पाकिस्तान से सिर्फ कुछ ही किलोमीटर दूर है. इसका मतलब ये है कि अब हमारी सेना को सीमावर्ती इलाकों तक पहुंचने में पहले से कहीं कम समय लगेगा, जो किसी भी आपात स्थिति में बहुत काम आएगा. अभी सेना को फिरोजपुर छावनी तक पहुंचने के लिए अटारी या अन्य लंबे रास्तों से जाना पड़ता था, जिसमें ज़्यादा वक्त लगता था. यह नई लाइन इस दूरी को काफी कम कर देगी.

इसके अलावा, यह रेलवे लाइन पठानकोट, अमृतसर, तरनतारन, फ़िरोज़पुर जैसे सैन्य ठिकानों और पश्चिमी सीमाओं के करीब महत्वपूर्ण केंद्रों को सीधा जोड़ेगी. ये लाइन ना केवल सुरक्षा के लिहाज़ से अहम है, बल्कि यह क्षेत्र के लोगों के लिए आवाजाही को भी आसान बनाएगी.

कम होगी दूरी, बचेगा समय

अभी तक अगर किसी को फ़िरोज़पुर से पट्टी जाना होता था तो उन्हें वाया मल्लांवाला के ज़रिए 28 किलोमीटर लंबा रास्ता तय करना पड़ता था. इस नई रेलवे लाइन से ये दूरी सिर्फ 25.47 किलोमीटर रह जाएगी, जिससे सफर में लगने वाला समय भी बचेगा. हालांकि दूरी बहुत ज़्यादा कम नहीं हो रही, लेकिन जो समय बच रहा है और सीधी कनेक्टिविटी मिल रही है, वो काफी महत्वपूर्ण है.

सरकार की इस पहल से जहां देश की पश्चिमी सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था और मज़बूत होगी, वहीं पंजाब के इस पिछड़े माने जाने वाले क्षेत्र को आर्थिक रूप से भी फायदा मिलेगा. इससे रोज़गार के अवसर पैदा होंगे और इलाक़े में विकास को नई रफ्तार मिलेगी. उम्मीद है कि जल्द ही इस परियोजना पर काम शुरू होगा और यह भारत की सुरक्षा और प्रगति की गाथा में एक नया अध्याय जोड़ेगा.