प्रदूषण के अलावा बच्चों की मानसिक सेहत को इस वजह से भी पहुंचता है नुकसान- रिसर्च

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दुनियाभर में बच्चों की मानसिक सेहत को लेकर कई प्रकार से काम किया जा रहा है, जिसमे देखा जा रहा है कि बच्चों के मानसिक सेहत को कैसे सही रखा जा सकता है. आपको बता दें कि जन्म से पूर्व वायु प्रदूषण से बहुत ज्यादा संपर्क और घर पर कम उम्र में अत्यधिक तनाव झेलना, बच्चों में ध्यान देने और विचार संबंधी समस्या होने के जोखिम को बढ़ा देता है। एक अध्ययन में यह सामने आया है।

गौरतलब है कि अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय के अलावा अन्य संस्थाओं के शोधकर्ताओं ने कहा कि सुविधाहीन पृष्ठभूमि वाले बच्चों में कम उम्र में तनाव बहुत आम है जो अक्सर वायु प्रदूषण से अत्यधिक संपर्क वाले इलाकों में रहते हैं। बता दें कि इस अध्ययन में स्कूल जाने की उम्र वाले बच्चों पर वायु प्रदूषण और कम उम्र के तनाव के संयुक्त प्रभावों का आकलन किया गया है।

वहीँ एक अध्ययन के पहले लेखक कोलंबिया विश्वविद्यालय के डेविड पगलियासियो ने कहा, “दिमाग पर असर डालने वाले वायु प्रदूषण के सबसे आम विषैले पदार्थ पोलिसाइकलिक अरोमेटिक हाइड्रोकार्बन्स (पीएएच) से जन्म से पूर्व संपर्क, कम उम्र के सामाजिक एवं आर्थिक दवाब बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को बढ़ा सकते हैं या बरकरार रख सकते हैं।

आपको बता दें कि इस नये शोध में अमेरिका में मांओं एवं बच्चों पर सीसीसीईएच की ओर से किए गए अध्ययन के डेटा का विश्लेषण किया गया। वहीँ इसमें गर्भवती महिलाओं की पीठ पर गर्भावस्था की तीसरी तिमाही के दौरान वायु निगरानी करने वाला एक थैला लटकाया गया जो वायु प्रदूषकों से उनके संपर्क को मापता था।

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